Last Updated: Friday, July 12, 2013, 18:59
भोपाल : मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधान सभा को देखते हुए तेज राजनीतिक गतिविधियों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा उनकी पत्नी साधना सिंह ने आज मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय पांडे की अदालत में नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ मानहानि का दावा पेश किया। अदालत ने इस प्रकरण के लिये आगामी 30 जुलाई की तिथि निर्धारित की है। 30 जुलाई को इस मामले में मुख्यमंत्री तथा उनकी पत्नी के बयान दर्ज होंगे।
अदालत में अपने वकील के माध्यम से दायर परिवाद पत्र में चौहान एवं उनकी पत्नी ने नेता प्रतिपक्ष को एक करोड़ रुपये से दंडित करने के साथ ही कठोर दंड दिये जाने और एक करोड़ रुपये मानहनि के रुप में दिलवाये जाने की मांग की है। यह भी बताया गया कि मानहानि के रूप में मिलने वाली राशि को उत्तराखंड में प्रदेश के प्रभावित लोगों के बीच बांटा जायेगा।
परिवाद पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया कि अजय सिंह ने नौ जून को सागर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा था कि प्रदेश में गुटखा पाउच पर प्रतिबंध लगाने के बाद जो गुटखा दस रुपये में छह मिलते थे, प्रतिबंध के बाद अब दस रुपये में तीन ही मिल रहे हैं। उन्होने यह भी कहा था कि गुटखे पर प्रतिबंध के चलते कालाबाजारी से प्राप्त आय साधना सिंह की नोट बनने की मशीन में गिनी जा रही है।
परिवाद पत्र में यह भी बताया गया कि इससे पहले चार जून को भी अजय सिंह ने खरगौन में आयोजित सभा में कहा था कि मुख्यमंत्री ने कभी शादी नहीं करने का संकल्प लिया था लेकिन जब उनकी राजनीति चमकी तो वे साधना भाभी के रूप में नोट गिनने की मशीन ले आये। अदालत को बताया गया कि नेता प्रतिपक्ष के इस प्रकार के बयानों से दोनों की भावनायें आहत हुई हैं तथा 18 जून को उन्होंने अपने वकील के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष को नोटिस भेजकर सात दिन में लिखित में माफी मांगने को कहा था लेकिन उन्होंने माफी मांगने के बजाय उन्हें अदालत में जाने की सलाह दी थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता दीपेश जोशी की ओर से पेश किये परिवाद पत्र में नेता प्रतिपक्ष के बयानों की कटिंग, उनके द्वारा दिये गये नोटिस के जवाब और वक्तव्य की सी.डी भी पेश की गई है। अदालत ने मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के बयान दर्ज कराने के लिए आगामी 30 जुलाई की तिथि निर्धारित की है। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 12, 2013, 18:59