Last Updated: Tuesday, April 24, 2012, 18:55
लालगढ़ (पश्चिम बंगाल) : नक्सलियों के पूर्व गढ़ में अपनी पहली यात्रा पर आई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माओवादियों को हिंसा और हत्या का पुजारी बताया लेकिन उनसे वार्ता की पेशकश नहीं की। ममता ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कोलकाता में बुद्धिजीवियों के एक धड़े की भी आलोचना की जो माओवादियों का समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते। वे शांति नहीं चाहते। वे बंदूक में विश्वास करते हैं। वे लोगों की हत्या और अपहरण में शामिल हैं। उन्होंने माओवादियों को कायर कहा जो अपना चेहरा छुपाते हैं। उन्होंने कहा कि रविन्द्रनाथ टैगोर, काजी नजरूल इस्लाम, सुभाष चंद्र बोस और मतानिगी हजरा की भूमि को रक्तरंजित नहीं होने दिया जाएगा।
बनर्जी ने कोलकाता के बुद्धिजीवियों के एक धड़े से कहा कि मैं कोलकाता के लोगों से अपील करती हूं कि माओवादियों को प्रोत्साहित नहीं करें। पिछले वर्ष जनवरी में नेतई नरसंहार का जिक्र करते हुए और माकपा का नाम लिए बगैर उन्होंने आरोप लगाया कि मार्क्सवादियों को माओवादी शरण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे मुझ पर माओवादियों से संबंधों का आरोप लगाते हैं। अब सच्चाई सामने आ गई है। जो लोग नेतई में मारे गए उन्हें माओवादी शरण दे रहे हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 25, 2012, 00:25