Last Updated: Thursday, January 24, 2013, 16:10
दिनेश सिंह
संगम (इलाहाबाद) : इलाहाबद के संगम तट पर लगे आस्था के महाकुम्भ में केवल एक कुम्भ ही नहीं बल्कि दर्जनों महाकुम्भ भी मौजूद है। आप अगर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंच रहे हैं तो इनकी भी झलक आप यहां देख सकते हैं। महाकुम्भ के परेड ग्राउंड में लगे दुर्लभ कुम्भ प्रदर्शनी में सन 1870 से लेकर 1954 तक के महाकुम्भ की दुर्लभ झलक देखी जा सकती है। खास बात यह भी है कि इस दौरान महाकुम्भ आयोजन के समय हुई भगदड़ और दुर्घटनाओं की तस्वीरें, इसकी जांच के लिए बनाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट आदि का ब्यौरा भी मौजूद है।
प्रयाग में लगे महाकुम्भ में दाखिल होते ही यहां के धार्मिक और कौतूहल भरे आयोजन की तमाम तस्वीरें एक साथ आपके जेहन में दौड़ जाएंगी और आप यह जरूर जानना चाहेंगे की आखिर कब से लगा है यहां आस्था का मेला। आखिर कैसे आयोजित होता है दुनिया का यह सबसे बड़ा समागम। आपकी इन सभी जिज्ञासाओं का जवाब है महाकुम्भ के परेड मैदान में लगी यह दुर्लभ कुम्भ प्रदर्शनी, जिसमें आप 1870 से लेकर 1954 तक के सभी कुंभों की तस्वीरें और उनके रेकोर्ड देख सकते हैं।
इस दुर्लभ कुंभ शिविर में आप कुंभ के दौरान हुई दुर्घटनाओं और भगदड़ की जानकारी भी ले सकते हैं। इतना ही नहीं इन भगदड़ों की जांच के लिए गठित की गई समितियों की रिपोर्ट और जिम्मेदार लोगों के नाम भी जान सकते हैं।1954 में प्रयाग के महाकुम्भ के एक बड़ी भगदड़ हुई थी, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे। इस दुर्लभ कुम्भ प्रदर्शनी में आप कुम्भ के दौरान खर्च किए गए सरकारी धन और वहां लगे प्रशासनिक अमले का भी ब्योरा मौजूद है। जिसके जरिये आप जान सकते हैं कि आखिर तब से अब तक कितना बदल गया महाकुम्भ का चेहरा।
First Published: Thursday, January 24, 2013, 16:10