Last Updated: Friday, December 7, 2012, 16:01
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मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार को शुक्रवार को दोबारा महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बना दिया गया। महज 10 सप्ताह पहले सिंचाई घोटाले में आरोप लगने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। पवार ने शुक्रवार सुबह राज भवन में शपथ ग्रहण की।
अजित राकांपा अध्यक्ष और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के भतीजे हैं। उन्होंने गत 25 सितम्बर को अपने कार्यकाल के दौरान हुए 20,000 करोड़ रुपये के सिंचाई सौदे में अनियमितओं के आरोप लगने के बाद इस्तीफा दे दिया था। वह वर्ष 1999 से 2009 तक जल संसाधन मंत्री रहे।
ज्ञात हो कि बीती 30 नवम्बर को महाराष्ट्र सरकार ने सिंचाई विभाग पर श्वेत पत्र जारी कर पवार को क्लीन चिट दे दी थी। विपक्षी शिव सेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अजित को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध करते हुए कहा है कि उन पर लगे आरोपों की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराई जानी चाहिए और उन्हें वहां से क्लीन चिट मिलने पर ही दोबारा से मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए।
विधानसभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खड़से के मुताबिक मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण राकांपा के दबाव में थे और यही कारण है कि अजित को दोबारा से उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। खडसे ने बताया कि अगर पवार में हिम्मत हैं, तो उन्हें एसआईटी की जांच के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर आरोप झूठे साबित होते हैं, तो वह सम्मान के साथ मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।
शिव सेना प्रवक्ता संजय राउत ने इस पूरे घटनाक्रम को 'दिखावा' और 'हाई वॉल्टेज ड्रामा' बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को मूर्ख बना रही है और उसने अभी तक भी यह साफ नहीं किया हैं कि पवार निर्दोष हैं या नहीं। शिव सेना ने अगले महीने से नागपुर में शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र की कार्रवाई को बाधित करने की धमकी दी है। राउत ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।
गौरतलब है कि पवार के इस्तीफ ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था और उनके बाद शेष 19 राकांपा नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। इसके बाद सतारूढ़ लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार संकट में आ गई थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 7, 2012, 09:22