महाराष्ट्र: ठाणे बिल्डिंग हादसे में 56 लोगों की मौत, 2 अधिकारी सस्पेंड

महाराष्ट्र: ठाणे बिल्डिंग हादसे में 56 लोगों की मौत, 2 अधिकारी सस्पेंड

महाराष्ट्र: ठाणे बिल्डिंग हादसे में 56 लोगों की मौत, 2 अधिकारी सस्पेंडठाणे : शहर में गुरुवार को ढह गई अवैध सात मंजिला निर्माणाधीन इमारत के मलबे से शुक्रवार को और शवों को निकाला गया और इस हादसे में कम से कम 56 लोगों की मौत हो गई है। घटना के एक दिन बाद एक निगम उपायुक्त और एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र में खराब इमारत गिरने के 24 घंटों के बाद 35 वर्षीय सुनीता देवी और तीन वर्षीय अंकित यादव को मलबे में से जिंदा निकाला गया। दोनों को कलवा के छत्रपति सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ठाणे नगर निगम के जन संपर्क अधिकारी संदीप मालवी ने देर रात बताया कि हादसे में 56 लोगों की मौत हो गई है।

इससे पहले पुलिस ने बताया था कि दुर्घटना में मरने वाले 47 लोगों में से 17 बच्चे, 11 महिलाएं और 19 पुरूष शामिल हैं। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने संवाददाताओं को बताया कि मुंबई में दैगर के शिल फाटा में निर्माणाधीन भवन अवैध था और इस बात का पता लगाया जा रहा है कि यहां पर काम करने की अनुमति कैसे मिल गई। इससे पहले राज्य विधानसभा में चव्हाण ने कहा था कि संबंधित निगम उपायुक्त और एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है और एक अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर पर मामले के जांच का आदेश दिया गया है।

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कर्तव्य में लापरवाही बरतने दोषी पाया जाता है तो उसे सजा दी जाएगी। स्थानीय पुलिस और नागरिक प्रशासन के साथ मिल कर राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) ने पहले 59 लोगों की जान बचा ली थी। मुब्रा में दैगर के शिल फाटा में इमारत गिरने के एक दिन बाद आज घटनास्थल पर काफी भयावह नजारा था जहां सेंसर युक्त उपकरणों की मदद से बचावकर्मी अब भी ईंट, गारे और लोहे के मलबे में से जीवित बचे लोगों को तलाश रहे हैं। एक अस्पताल में ऐसा हृदय विदारक नजारा भी देखने को मिला जब घटना में जीवित बचे एक शख्स के परिवार के 13 सदस्यों के शव रखे हुए थे। घायलों को ठाणे, कलवा और मुंब्रा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है वहीं गंभीर रूप से घायल लोगों को मुंबई के जेजे अस्पताल तथा सायन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ठाणे के पुलिस आयुक्त के पी. रघुवंशी ने कहा कि बिल्डर सलिल और खलील जमादार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि वे दोनों फरार हैं। एनडीआरएफ के कमांडेंट आलोक अवस्थी ने इस बात से इंकार नहीं किया है कि मलबे में अभी कुछ और लोग दबे हुए होंगे। अवस्थी ने कहा कि वह एक इंजीनियर नहीं हैं हालांकि निर्माण की खराब गुणवत्ता इस त्रासदी के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। (एजेंसी)

First Published: Friday, April 5, 2013, 08:47

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