Last Updated: Monday, March 25, 2013, 19:29
मुम्बई : महाराष्ट्र पुलिस के उस अधिकारी को सोमवार को निलंबित कर दिया गया जिससे राज्य विधानसभा परिसर में विधायकों ने मारपीट की थी जबकि इस घटना में कथित रूप से शामिल दो विधायक जमानत पर जेल से रिहा हो गए।
गृह मंत्री आर आर पाटिल ने गत कुछ दिनों से पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग का लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित करने वाले विधायकों से शांति बहाली के प्रयासों के तहत बहुजन विकास अगाढ़ी विधायक क्षितिज ठाकुर के साथ दुर्व्यवहार करने वाले सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी को निलंबित करने की सदन में घोषणा की।
पाटिल ने कहा कि उन्होंने सूर्यवंशी की ठाकुर के साथ बांद्रा.वर्ली सीलिंक पर 18 मार्च को हुए ‘वाकयुद्ध’ की सीडी देखी जिसके बाद उन्होंने विधानपरिषद में घोषणा की कि घटना की जांच की जाएगी और अधिकारी को जबरन छुट्टी पर भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘डीसीपी एस आर निलेवद (यातायात दक्षिण) की प्रारंभिक जांच के अनुसार सूर्यवंशी ने ठाकुर के साथ अशिष्ट व्यवहार किया जो कि एक पुलिस अधिकारी के लिए अनुचित है। अधिकारी को जांच पूरी होने तक निलंबित किया जाएगा।’
पाटिल ने इसके साथ ही सूर्यवंशी पर विधायकों के एक समूह द्वारा हमले की जांच के लिए पीजेन्ट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के वरिष्ठ विधायक गणपतराव देशमुख के नेतृत्व में एक समिति गठित करने की घोषणा की।
समिति के अन्य सदस्यों में दिलीप सोपल (निर्दलीय), नवाब मलिक (राकांपा), गिरीश बापत (भाजपा), आर एम वानी (शिवसेना), सदाशिव पाटिल (कांग्रेस) और उत्तमराव दिकले (मनसे) शामिल हैं। इस संबंध में प्रस्ताव को सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
वहीं दूसरी ओर विधायक क्षितिज ठाकुर और राम कदम (मनसे) आज जेल से रिहा हो गए क्योंकि मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट यू एम पडवाड ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत ने उन्हें 15.15 हजार रुपये की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया और दोनों को जांच पूरी होने तक प्रत्येक बुधवार को पूर्वाह्न 11 से दोपहर एक बजे तक मुम्बई स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया।
दोनों को गत गुरुवार को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब उन्होंने सूर्यवंशी की एक शिकायत पर अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अपराधा शाखा के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।
विधानसभाध्यक्ष दिलीप वाल्से पाटिल ने समिति के अध्यक्ष देशमुख से कहा कि वह अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश करें। समिति गठन का निर्णय मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के साथ विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक में किया गया। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 25, 2013, 19:29