Last Updated: Monday, October 8, 2012, 12:10
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मंगलवार को होने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की महासंकल्प रैली पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के लिए नाक की लड़ाई बन गई है। राज्य में हाथ से सत्ता खिसकने के बाद अब मायावती के सामने लोकसभा चुनाव से पहले विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास कराने की चुनौती है। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की अगुवाई में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य, नसीमुद्दीन सिद्दिकी और प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने रैली को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है।
रैली को लेकर बसपा की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बसपा ने अपने कार्यकर्ताओं को रमाबाई मैदान तक लाने के लिए करीब एक दर्जन रेलगाड़ियों की भी बुकिंग करायी है, जिसे देखते हुए रेलवे भी काफी सतर्क हो गया है। बसपा की रैली के चलते आम यात्रियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े इसके लिए समाचार पत्रों के माध्यम से रेलगाड़ियों के प्लेटफार्म और समय बदले जाने की सूचना पहले ही जारी कर दी गई है।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार रैली को असफल बनाने का प्रयास कर रही है लेकिन उसे दलितों की शक्ति का अंदाजा नहीं है। सरकार रैली को जितना असफल करने का प्रयास करेगी बसपा के कार्यकर्ता उतनी ही शिद्दत से रैली को सफल बनाने में जुटेंगे। रैली की तैयारियों की बात करें तो मॉल एवेन्यू में स्थित बसपा कार्यालय को दुल्हन की तरह सजाने के लिए मजदूर दिन रात काम कर रहे हैं। कार्यालय के बाहर काफी बड़े-बड़े प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं।
सूबे में बसपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। बसपा जहां सरकार पर रैली को असफल बनाने का आरोप लगा रही है वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी नौ अक्टूबर को कांशीराम की पुण्य तिथि के अवसर पर होने वाले सार्वजनिक अवकाश को रद्द करने की घोषणा कर बसपा को रविवार को करारा झटका दिया। सपा ने आरोप लगाते हुए एक बयान जारी कर कहा कि बसपा जिस तरह से महासंकल्प रैली की तैयारियों में जुटी है, उससे ऐसा लगता है कि इसमें काला धन लगाया जा रहा है।
बहरहाल बसपा के सूत्रों की मानें तो रैली में दलितों और महादलितों के साथ ही ब्राह्मणों की भी अच्छी खासी संख्या दिखने की उम्मीद है। ब्राह्मणों को रैली स्थल तक लाने के लिए पार्टी का थिंक टैंक और राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा दिन रात एक किए हुए हैं। बसपा के एक नेता ने तो यहां तक बताया कि रैली में आने वाले ब्राह्मण समुदाय के लोगों को खासतौर पर यह निर्देश दिया गया है कि वे कुर्ता-धोती पहनकर व माथे पर तिलक लगाकर आएं ताकि विरोधियों को उनकी खास मौजूदगी का एहसास हो सके।
बसपा नेता ने बताया कि ब्राह्मण समुदाय के कार्यकर्ताओं के लिए अलग से एक पंडाल की व्यवस्था की जा रही है ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। उल्लेखनीय है कि कांशीराम की छठवीं पुण्य तिथि के अवसर पर लखनऊ के रमाबाई मैदान में नौ अक्टूबर को बसपा की ओर से महासंकल्प रैली का अयोजन किया गया है। मायावती ने कहा था कि रैली के बाद ही बसपा केंद्र को दिए जा रहे समर्थन पर पुनर्विचार करेगी। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 8, 2012, 12:10