महिला ही डायन क्यों करार दी जाती हैं : तीरथ

महिला ही डायन क्यों करार दी जाती हैं : तीरथ

नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने लोकसभा में सवाल उठाया कि डायन सिर्फ महिलाएं ही क्यों करार दी जाती हैं, पुरूष क्यों नहीं? तीरथ ने जादू टोना पर पाबंदी लगाने संबंधी गैर सरकारी विधेयक पर सदन में हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते समय यह सवाल उठाते हुए कहा कि अक्सर ऐसी महिलाओं को ही डायन कह कर परेशान किया जाता है या उनकी हत्या की जाती हैं जो गरीब, बेआसरा या विधवा हैं।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में यह देखने में आया है डायन कह कर ऐसी महिलाओं को घर-गांव से निकाला जाता है या हत्या की जाती है जिनकी जिम्मेदारी उनके परिवार नहीं उठाना चाहते या उसकी संपत्ति पर कब्जा करना चाहते हैं।

देश के कुछ हिस्सों में इस कुरीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर पुरूष डायन क्यों नहीं होते, पुरूषों की नज़र किसी पर क्यों नहीं लगती, और किसी पुरूष की नज़र लगने से कोई क्यों नहीं मरता ? उन्होंने बताया कि महिलाओं को डायन बता कर उन्हें प्रताड़ित करने की अधिकतर घटनाएं बिहार, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र आदि राज्यों में होती हैं।

इसके खिलाफ सख्त कानून बनाने का आश्वासन देते हुए इस गैर सरकारी विधेयक को वापस लेने का उन्होंने इसे पेश करने वाले ओमप्रकाश यादव से आग्रह किया। सदन में उनके उपस्थित नहीं होने पर इसे ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया। (एजेंसी)

First Published: Friday, December 7, 2012, 17:54

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