मांगी थी जिंदगी, मिली मौत - Zee News हिंदी

मांगी थी जिंदगी, मिली मौत

कोलकाता : 80 साल के कैंसर मरीज अजय घोषाल को एएमआरआई (एमरी) अस्पताल से शुक्रवार सुबह छुट्टी मिलनी थी, लेकिन 70 लोगों की जान लेने वाली भयंकर आग ने सब कुछ बदल दिया। पेशे से नेता घोषाल की सात मंजिला अस्पताल में लगी आग के धुएं से दम घुटने से मौत हो गई। घोषाल के रिश्तेदार जिश्नु चौधरी ने बताया, ‘उन्हें कल शाम अस्पताल की मुख्य इमारत से एनेक्सी इमारत में स्थानान्तरित किया गया और आज सुबह छुटटी मिलनी थी।’

 

घोषाल जैसे कई और भी बदनसीब हैं जो किसी बीमारी के इलाज के लिए यहां भर्ती हुए थे लेकिन सबका अंजाम एक सा रहा। अस्पताल की मुख्य इमारत की दूसरी मंजिल पर ऑपरेशन थिएटर के बाहर जमीन पर 20 से ज्यादा शव रखे थे, लेकिन वहां मौजूद परेशान परिजन उम्मीद कर रहे थे कि उनके घरवाले उनमें शामिल नहीं हों। आग के समय अस्पताल में 164 मरीज मौजूद थे और यहां भूतल पर आग लगी। अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि 94 मरीजों को अन्य अस्पतालों या एएमआरआई अस्पताल के मुख्य इमारत में स्थानान्तरित किया गया।
अस्पताल में चारों ओर शीशों का टूटा कांच बिखरा पड़ा था।

 

अस्पताल में भर्ती शिवानी के पिता भानू भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम अपने मरीज को यहां उसका जीवन बचाने के लिए लाए थे, इस तरह से मरने देने के लिए नहीं। लोग अपने मरीज का यहां इलाज कराने के लिए लाखों रुपए खर्च करते हैं और हमने भी ऐसा ही किया था।’ घंटों मरीजों के रिश्तेदारों की मदद करने के लिए कोई मौजूद नहीं था। कुप्रबंधन को लेकर गुस्साए कुछ रिश्तेदारों ने अस्पताल की मुख्य इमारत के स्वागत कक्ष में तोड़फोड़ की।

 

आग में मारे गए 30 वर्षीय संपा चौधरी के चाचा राम दास ने कहा, ‘हम त्रिपुरा के अगरतला से यहां आए हैं, मेरे भतीजे को बस हादसे में चोटें लगी थीं और उसे यहां 11 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मैं रात में प्रतीक्षा कक्ष में ठहरा हुआ था तभी मुझे आग लगने का पता चला।’ कोलकाता पुलिस आयुक्त आर के पचनंदा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मरीजों के स्थानान्तरण और दमकलकर्मियों के साथ समन्वय का निरीक्षण किया। (एजेंसी)

First Published: Friday, December 9, 2011, 22:41

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