Last Updated: Monday, March 19, 2012, 04:28
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी भुवनेश्वर: ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को राज्य विधानसभा को जानकारी दी कि दो इतालवी नागरिकों की रिहाई के लिए माओवादियों की 13 मांगों वाला पर्चा मिला है लेकिन अपहरणकर्ताओं ने बातचीत के लिए किसी को जिम्मेदारी नहीं दी है।
विपक्षी दलों द्वारा अपहरण प्रकरण पर सरकार की खिंचाई करने के बाद नवीन ने सदन में दिये बयान में कहा, ‘भाकपा (माओवादी) की ओड़िशा राज्य संगठन समिति के सचिव सुनील के नाम से माओवादियों की 13 मांगों वाला एक पर्चा मिला है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस पर्चे की जांच कर रही है।
नवीन ने कहा कि माओवादियों ने अब तक इस मामले में सरकार से बातचीत करने के लिए अपने प्रतिनिधि नहीं चुने हैं। उन्होंने कहा, ‘जब इस तरह की बात पता चलेगी, आगे के कदम उठाए जाएंगे।’ नवीन ने माओवादियों ने दो इतालवी नागरिकों को रिहा करने की फिर से अपील की। उन्होंने संकेत दिये कि राज्य सरकार इस मामले में जल्द से जल्द अपहरणकर्ताओं के साथ बैठक करने की इच्छुक है। नवीन ने कहा, ‘मैं विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम से बातचीत करके उन्हें गतिविधियों के बारे में सूचित किया है।’
उधर, बीते साल मलकानगिरी के जिलाधिकारी आर.विनील कृष्णा की रिहाई के लिए माओवादियों और ओडिशा सरकार के बीच मध्यस्थता करने वाले तीन लोगों में से एक दंडपाणि मोहंती ने कहा कि यदि उनसे कहा जाता है तो वह अगवा किए गए दो इतालवी नागरिकों की रिहाई के लिए माओवादियों से वार्ता के लिए तैयार हैं। गैर सरकारी संगठन ‘जन अधिकार मंच’ के संयोजक मोहंती ने कहा कि मैं वार्ता करने के लिए तैयार हूं, लेकिन यह अपील दोनों तरफ से यानी ओडिशा सरकार और माओवादियों की ओर से होनी चाहिए। माओवादियों से इतालवी नागरिकों को नुकसान न पहुंचाने की अपील करते हुए उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह मामले में तुरंत दखल दे।
गौरतलब है कि गंजाम-कंधमाल सीमा पर शनिवार को दो इतालवी नागरिकों पुरी में पर्यटन संचालक बोसुस्को पाउलो और पर्यटक क्लाडियो कोलांजेलो का माओवादियों ने अपहरण कर लिया था। माओवादियों ने बाद में उनके चालक और बावर्ची को रिहा कर दिया था।
इटली के महावाणिज्यदूत जोएल मेलचिओरी ने भुवनेश्वर में ओड़िशा के अधिकारियों से इस विषय पर बातचीत की। माओवादियों ने टीवी चैनलों से कहा कि विदेशियों को इसलिए बंधक बनाया गया है क्योंकि वे आदिवासियों की ‘आपत्तिजनक’ फोटो ले रहे थे जबकि राज्य सरकार ने इस तरह के क्रियाकलाप पर प्रतिबंध लगा रखा है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, March 19, 2012, 21:21