Last Updated: Thursday, March 22, 2012, 08:39
नई दिल्ली : माकपा सांसद वासुदेव आचार्य ने पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति का मसला उठाते हुए गुरुवार को लोकसभा में राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया जिसका तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने कड़ा प्रतिवाद किया। शून्यकाल के दौरान आचार्य ने पश्चिम बंगाल सरकार पर वामपंथियों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में हजारों लोगों पर हमले हुए हैं और यहां तक एक पूर्व विधायक की हाल ही में हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और उनके साथ छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न तथा दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं। माकपा सदस्य के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपनी जगह पर खड़े होकर प्रतिवाद करने लगे।
शून्यकाल के दौरान द्रमुक सांसद अब्दुल रहमान ने विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण प्राप्त करने में होने वाली समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि विभिन्न बैंकों की अलग अलग प्रणाली होने से छात्रों को दिक्कतें आती हैं और लोन नहीं मिलने पर वे और उनके अभिभावक हताश हो जाते हैं। उन्होंने सरकार से इस बाबत ध्यान देने की मांग की। कांग्रेस के कमल किशोर ने खासतौर पर उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से पिछड़े मुसलमानों को अनेक केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलने का दावा करते हुए सरकार से अल्पसंख्यकों के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रमों की समीक्षा की मांग की।
कांग्रेस के राजा रामपाल ने कहा कि पिछड़े वर्ग में शामिल कई लोगों की स्थिति अत्यंत दयनीय है लेकिन उन्हें अनुसूचित जाति या जनजाति में नहीं रखा गया है। ऐसी सैकड़ों जातियों के कल्याण के लिए अति पिछड़ा आयोग बनाया जाए और बेरोजगारों को नौकरी दिलाई जाए। भाजपा की जयश्री बेन पटेल ने बायोमेडिकल कचरा के निपटान के लिए सक्षम नीति बनाने की मांग करते हुए इसे निजी क्षेत्र में सौंपने की मांग की।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 22, 2012, 14:09