Last Updated: Saturday, February 23, 2013, 10:38

संगम (इलाहाबाद): उत्तर प्रदेश की प्रयागनगरी इलाहाबाद में लगे आस्था के सबसे बड़े मेले महाकुम्भ में कल्पवासियों की वजह से रौनक बनी हुई है। माघी पूर्णिमा के दिन डुबकी लगाने के बाद कल्पवासी विदा हो जाएंगे। पिछले दिनों हुई बारिश से महाकुम्भ मेले की रौनक प्रभावित होने की आशंका थी लेकिन लगभग पांच लाख कल्पवासियों से यह रौनक बरकरार रही। इस बीच, मौसम में सुधार की वजह से श्रद्धालुओं की भीड़ फिर से उमड़ने लगी है।
महाकुम्भ में संगम तट पर कल्पवासी शिविरों में कथा व भोज आयोजित किए जा रहे हैं। कल्पवास के 12 वर्ष पूरे करने वाले कल्पवासी सेजिया दान कर रहे हैं, जिसका आयोजन भव्य होता है। जूना अखाड़े के एक संत के मुताबिक महाकुम्भ में सेजिया दान का खासा महत्व है। प्रत्येक कल्पवासी अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं। समृद्ध कल्पवासी सेज यानी आलीशान बिस्तर से लेकर हीरे जवाहरात तक दान कर रहे हैं। कल्पावासियों पर हालांकि दान का दबाव नहीं होता।
कल्पवास की शुरुआत पौष पूर्णिमा को शाही स्नान के दिन 27 जनवरी को हुई थी। सोमवार को माघी पूर्णिमा का एक महीना पूरा हो जाएगा और सारे कल्पवासी संगम में डुबकी लगाने के बाद विदा हो जाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 23, 2013, 10:38