Last Updated: Friday, January 25, 2013, 09:21
इंदौर : गायत्री कक्षा तीसरी में पढ़ती है और उसकी उम्र सात बरस है, मगर वह भागवत का गूढ अर्थ न केवल जानती है बल्कि सैकड़ों लोगों को वह इस अर्थ को बताती भी है। यह सुनकर कुछ अचरज हो सकता है, मगर हकीकत यह है कि इंदौर की यह बालिका लोगों को भागवत कथा के जरिए धर्म का पाठ पढ़ा रही है।
इंदौर के नजदीक सिमरोल में चल रही भागवत कथा के मंच पर बैठकर प्रवचन करती गायत्री गोस्वामी को देखकर हर कोई अचरज में पड़ जाता है, क्योंकि यह भरोसा करना किसी के लिए आसान नहीं है कि नादान सी यह बालिका विभिन्न दृष्टांतों, श्रीकृष्ण के कथानकों के जरिए धर्म का पाठ पढ़ा रही है।
परदेसी पुरा में रहने वाली गायत्री की भागवत कथा सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है और बड़ी संख्या में लोग उसे सुनने पहुंच रहे हैं। गायत्री के पिता नरेंद्र बताते हैं कि उसके घर में एक पंडित जी कथा करने आए थे, उनके द्वारा सुनाई जाने वाली कथा को सुनकर उसे और रोचक तरीके से सुनाकर गायत्री अपनी तीक्ष्ण बुद्धिमत्ता का परिचय दे जाती थी।
नरेंद्र इसे दैवीय कृपा मानते हैं और कहते हैं कि पंडित जी की कथाएं सुनने के बाद धीरे-धीरे गायत्री ने अपने ज्ञान को और बढ़ाया तथा वह मंच पर जाकर प्रवचन करने लगी। पिछले आठ माह की अवधि में वह 16 स्थानों पर कथाएं सुना चुकी हैं।
गायत्री के प्रवचनों के बीच में गीत संगीत का भी दौर चलता रहता है, इस दौरान गायत्री का बाल सुलभ स्वभाव साफ दिख जाता है। वह संगीत की धुन पर डोलने लगती है और उसके रस में डूब जाती है।
गायत्री की कथा सुनने आए अशोक कुमार का कहना है कि एक छोटी सी बच्ची प्रवचन कर सकती है, यह देखकर लोग अचरज में पड़ जाते हैं और यह बात इलाके में फैलने पर कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 25, 2013, 09:21