Last Updated: Sunday, March 4, 2012, 12:38
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के सत्ता के गलियारों में नयी हवा बहने के आसार दिख रहे हैं और एग्जिट पोल की मानें तो इस बार ताज भी किसी और का होगा और सरकार भी किसी और की।
नए चुनावी समीकरणों की आहट पाकर राजनीतिक दलों ने अपने अपने मोहरे भी बैठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेसी नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने चुनाव के बाद बसपा से ही गठबंधन किए जाने की वकालत की है।
हालांकि संभावित विजेता और संभावित परास्त , दोनों ही खेमे एग्जिट पोल को उनकी संपूर्णता में स्वीकार करने को तैयार नहीं दिख रहे हें।
मायावती की पार्टी से गठजोड़ के बेनी के विचारों को उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी तथा पार्टी महासचिव राशिद अल्वी समेत कई पार्टी नेताओं ने निजी विचार कहकर खारिज कर दिया है।
सपा की साख को पुन: पटरी पर लाने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी और बहुत संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़े।
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सरकार बनी तो उनके पिता मुख्यमंत्री होंगे । हालांकि उन्होंने संख्या बल कम पड़ने की सूरत में कांग्रेस या राहुल गांधी का समर्थन हासिल करने संबंधी सवालों को टाल दिया और कहा कि यह सब चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 5, 2012, 09:46