मालेगांव विस्फोट: NIA जांच की वैधता को चुनौती

मालेगांव विस्फोट: NIA जांच की वैधता को चुनौती

मुंबई : वर्ष 2006 के मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए द्वारा पूरक आरोपपत्र दाखिल किए जाने के एक महीने बाद एक आरोपी ने शनिवार को इसकी वैधता को चुनौती दी और कहा कि जांच एजेंसी द्वारा इस मामले में आगे जांच कराना पूरी तरह से ‘अवैध’ है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने धान सिंह के साथ तीन अन्य को गिरफ्तार किया था। आरोपी धान सिंह ने विशेष मकोका अदालत में कहा कि एटीएस ने मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था और 2007 में यह मामला सीबीआई ने ले लिया तथा उसने पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किए।

आवेदन में कहा गया है कि आगे जांच के तहत एनआईए की ओर से जो भी किया गया है, वह सही नहीं है और एनआईए द्वारा एकत्रित सामग्री की कोई कानूनी वैधता नहीं है।

धान सिंह ने अनुरोध किया कि एनआईए द्वारा की गयी जांच को अवैध घोषित कर दिया जाए। उन्होंने यह अनुरोध भी किया कि अगर अदालत को यह उचित प्रतीत होता है तो उसका आवेदन संदर्भ के लिए बंबई उच्च न्यायालय को भेजा जा सकता है।

इस आवदेन पर एनआईए के 22 जुलाई तक जवाब देने की संभावना है। सिंह ने अदालत में एक और आवेदन दाखिल करते हुए कहा कि दो आरोपियों मोहम्मद अली आलम शेख और आसिफ खान बशीर खान की बरी किए जाने संबंधी याचिका पर उसे भी अपना पक्ष रखने दिया जाए।

इस बीच एक अन्य आरोपी मनोहर सिंह ने एक आवेदन देकर कहा है कि उनका मामला ‘उचित वजह के बिना’ एनआईए को हस्तांतरित कर दिया गया। उसके आवदेन में कहा गया है कि यह मामला बिना किसी उचित वजह के राजनीतिक दलों के उकसावे पर राजनीतिक लाभ के लिए एनआईए को सौंप दिया गया।

इसमें यह दावा भी किया गया है कि जांच की दिशा को प्रभावित करने की कोशिश की गयी है। अपने आवेदन में मनोहर सिंह ने कहा कि यह पूर्व में एटीएस द्वारा की गयी जांच को नकारने के लिए यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया। (एजेंसी)

First Published: Saturday, June 29, 2013, 19:45

comments powered by Disqus