Last Updated: Thursday, July 25, 2013, 00:32
ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसीछपरा/पटना: बिहार के सारण जिले के जिस स्कूल में जहर वाला मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई उसकी प्रधान शिक्षिका को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह घटना एक दुर्घटना जैसी प्रतीत नहीं होती। गिरफ्तार होने से थोड़ी देर पहले प्रधान शिक्षिका मीना देवी ने हादसे की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराए जाने की मांग की।
सारण के पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार ने बताया कि जिले के गंडामन धर्मसती प्राथमिक विद्यालय की प्रधान शिक्षिका को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश के दंड प्रावधान वाली धाराओं के तहत प्राथिमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस का कहना है कि स्कूल से लिए गए तेल के नमूने में पाया गया जहरीला पदार्थ आर्गेनोफास्फोरस बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कीटनशाक से पांच गुना ज्यादा जहरीला है। इधर पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह घटना संयोग से या लापरवाही से घटित नहीं लग रही है। उन्होंने पीड़ित गांव के सर्वागीण विकास कराने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे के बाद सरकार को जितना करना था उतना किया। उन्होंने कहा कि वे लगातार शिक्षा विभाग और पुलिस से संपर्क बनाए हुए थे। उन्होंने इस घटना को मर्माहत करने वाला बताते हुए कहा कि आखिर किसी को बच्चे से क्या दुश्मनी हो सकती है। उन्होंने कहा, लोगों द्वारा दी गई जानकारी, फोरेंसिक रिपोर्ट, खाने में मिश्रित कीटनाशक सभी कुछ और ही दिशा में इशारा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हमें उम्मीद है कि पुलिस की जांच में सब कुछ सामने आ जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मसती गंडामन गांव में जाने वाले लोगों का कहना है उस गांव का जितना विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार उस गांव का सर्वागीण विकास कराने की योजना बना रही है।
नीतीश ने कहा कि गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उच्च विद्यालय खोले जाएंगे, जबकि सड़क और गलियां बनाई जाएंगी। बिजली और पेयजल की व्यवस्था की जाएगी और लोगों का कौशल विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांव का शत-प्रतिशत विकास किया जाएगा। वहां के जिन लोगों को इंदिरा आवास और पेंशन नहीं मिला होगा उन्हें तत्काल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि अगर मध्याह्न् भोजन चलाना है तो इसमें काफी बदलाव की आवश्यकता है। यह केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है, लेकिन यह समय एक-दूसरे पर दोषारोपण का नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में मानदेय बढ़ाना होगा और सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने होंगे।
किसी भी दल का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि घटना के बाद जहां हर व्यक्ति पीड़ित बच्चों को बचाने में जुटा था, वहीं कई लोग बंद की घोषणा कर रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि आखिर जांच के लिए जा रही पुलिस के वाहनों में तोड़फोड़ का मकसद क्या था?
उन्होंने कहा, यह हैरत की बात है। घटना के बाद मौन साध लेने के आरोप को नकारते हुए उन्होंने कहा कि वे चुप रहने वाले और घर बैठे रहने वाले लोगों में से नहीं हैं, लेकिन पैर में तकलीफ के कारण वे घटनास्थल पर नहीं जा सके।
गिरफ्तारी से पहले मीना देवी ने एक हिंदी समाचार चैनल को बताया, मैं निर्दोष हूं और मुझे इस मामले में फंसाया जा रहा है। मैं सीबीआई से जांच कराने की मांग करती हूं। मीना देवी ने इस बात से भी इंकार किया कि उनके पति की किराने की दुकान है जहां से मध्याह्न् भोजन के लिए राशन-पानी की खरीद की गई थी। इससे पहले पुलिस ने अदालत की अनुमति पर मीना देवी के घर पर कुर्की का इश्तहार चिपका दिया था। 22 जुलाई को पुलिस ने मीना देवी की गिरफ्तारी वारंट अदालत से हासिल किया था। मंगलवार को अदालत ने मीना देवी को भगोड़ा घोषित कर दिया था, क्योंकि घटना के बाद से वह फरार चल रही थी।
इस बीच बिहार के करीब तीन लाख शिक्षकों ने 25 जुलाई से मिड डे मील का बहिष्कार करने की घोषणा की है। बिहार राज्य प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने कहा, संघ की बैठक में आम राय से इस योजना के बहिष्कार का फैसला लिया गया है।
First Published: Wednesday, July 24, 2013, 18:17