Last Updated: Friday, October 14, 2011, 17:05
जी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नोएडा (उ.प्र.) : उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि बसपा के जनाधार से घबराई कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार या केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे को प्रधानमंत्री बना सकती है ताकि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दलितों के वोट बांटे जा सकें। मायावती ने यहां विवादास्पद दलित प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करने के दौरान कहा, ‘कांग्रेस दलितों के वोट बांटने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह कुछ भी नहीं कर पा रही है। बाबू जगजीवन राम के सही उम्मीदवार होने के बावजूद पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनाया।’
मायावती ने केंद्र की कांग्रेस नीत गठबंधन सरकार पर उत्तर प्रदेश के विकास को नजर अंदाज करने और बुंदेलखंड, पूर्वांचल तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पृथक राज्य बनाने के उनके प्रस्ताव पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र राज्य को केंद्रीय कोष में से उसका हिस्सा नहीं दे रहा है।
नोएडा में 685 करोड़ रुपये के विवादास्पद दलित स्मारक पर आलोचना का सामना कर रही उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस को इसकी आलोचना करने का कोई हक नहीं है क्योंकि दिल्ली के यमुना बैंक के इर्द-गिर्द नेहरू-गांधी परिवार के काफी संख्या में स्मारक हैं। माया ने कांग्रेस और भाजपा पर भीमराव अंबेडकर और कांशी राम जैसे दलित नेताओं को नजरंदाज करने का आरोप लगाया।
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘दिल्ली में केंद्र सरकार ने यमुना बैंक के इर्द-गिर्द नेहरू और गांधी के सम्मान में कई स्मारकों का निर्माण किया है लेकिन भीमराव अंबेडकर और बसपा के संस्थापक कांशी राम जैसे दलित नेताओं के नाम पर एक भी स्मारक नहीं बनाया गया।’ मुख्यमंत्री ने 36 एकड़ में स्थापित इस स्मारक में अंबेडकर और कांशी राम के अलावा उनकी अपनी और बसपा के प्रतीक चिह्न हाथी की 20 मूर्तियां स्थापित की गई है। प्रत्येक की लागत 20 करोड़ रूपये है।
राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल और ग्रीन गार्डन प्रोजेक्ट को उचित ठहराते हुए मायावती ने कहा, ‘हमने हमेशा से दलित समुदाय के प्रेरणा स्रोत रहे लोगों को समर्पित स्मारक बनाए जाने की जरूरत महसूस की और यह दलितों के फायदे के लिए राष्ट्रीय राजधानी के करीब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बनाया गया है।’ माया ने कहा कि अंबेडकर और कांशी राम के कार्यों की अनदेखी करने के केंद्रीय सरकार के व्यवहार से दलित समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को ‘राजनीतिक चाल’ करार देते हुए मायावती ने आज कहा कि इस पूरी कवायद का उद्देश्य अपने आप को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में आगे बढ़ाना है। उनकी जनचेतना यात्रा एक तमाशा है। बिहार से अपनी यात्रा शुरू करने के बजाय आडवाणी जी को इसे कर्नाटक से शुरू करना चाहिए था जहां उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर इस्तीफा देना पड़ा। मुख्यमंत्री ने भाजपा को सलाह दी कि वह कर्नाटक में भ्रष्टाचार पर श्वेत पत्र लाए न कि उनकी सरकार के खिलाफ।
First Published: Saturday, October 15, 2011, 00:24