Last Updated: Sunday, September 15, 2013, 16:12
मेरठ : पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं बागपत से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सोमपाल शास्त्री ने रविवार को कहा कि मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुयी हिंसा से आहत होकर ही उन्होंने समाजवादी पार्टी का टिकट लौटाने का निर्णय लिया है।
सोमपाल शास्त्री ने कहा कि इस हिंसा को रोक पाने में सपा सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा ‘मैने इस मसले पर कई बार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव से सम्पर्क करने का भी प्रयास किया लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी सम्पर्क नही हो सका। ऐसे में मेरा सपा के टिकट पर चुनाव लड़ना और उस पार्टी में रहना संभव नही है।
सोमपाल शास्त्री ने बताया कि उन्होंने अपने निर्णय की जानकारी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पत्र भेज कर दे दी है। अब किस पार्टी में शामिल होने का इरादा है के सवाल पर सोमपाल शास्त्री ने कहा कि अभी उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में नही सोचा है।
उधर सोमपाल शास्त्री के करीबी लोंगो के अनुसार सोमपाल शास्त्री की बसपा और भाजपा से अंदरखाने बातचीत चल रही है। बता दें कि सोमपाल शास्त्री ने 1998 में भाजपा के टिकट पर बागपत लोकसभा सीट से रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह को शिकस्त देकर राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी थी।
अजित सिंह को पराजित करने के कारण ही एनडीए सरकार में उन्हें कृषि मंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया था। यह अलग बात है कि करीब सालभर बाद ही हुए अगले चुनाव 1999 में अजित सिंह ने सोमपाल शास्त्री को करारी शिकस्त देकर अपनी हार का हिसाब पूरा कर लिया था। पिछले चुनाव में सोमपाल शास्त्री कांग्रेस के टिकट पर बागपत से चुनाव लड़े थे।
इस चुनाव में भी उन्हें अजित सिंह के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। चुनाव हारने के कुछ अर्से बाद ही सोमपाल शास्त्री सपा में शामिल हो गए थे। सपा ने उन्हें बागपत का अपना लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया था। लगभग उसी दौरान सोमपाल शास्त्री के पुत्र संदीप चौधरी अपनी पत्नी मनीषा के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 15, 2013, 16:12