Last Updated: Friday, December 9, 2011, 16:03
तिरुवनंतपुरम/चेन्नई : तमिलनाडु के साथ गंभीर हो रहे मुल्लापेरियार बांध विवाद में दबाव तेज करते हुए केरल विधानसभा ने 116 साल पुराने जलाशय की जगह नए बांध पर जोर देते हुए शुक्रवार को एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया।
केरल विधानसभा की एक दिवसीय विशेष सत्र में मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने केंद्र और राज्य सरकार से नए बांध बनाने के लिए कदम उठाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। मुल्लापेरियार बांध मुद्दे पर केरल और तमिलनाडु के बीच हाल के सप्ताह में गहरा टकराव पैदा हो गया है।
उधर, चेन्नई में तमिलनाडु के विपक्षी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने इस मुद्दे पर राज्य की अन्नाद्रमुक सरकार एवं केंद्र सरकार के रवैये पर असंतोष जाहिर किया और घोषणा की कि केरल की मांग के खिलाफ अगले सप्ताह भूख हड़ताल और विशाल मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। द्रमुक ने अपनी आपात बैठक बुलाकर एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केरल के कुछ लोगों पर सीमा पर तनाव पैदा करने के लिए संकीर्ण राजनीतिक सोच अपनाने का आरोप लगाया।
द्रमुक ने आशंका जताई कि इससे दोनों राज्यों की जनता के बीच मधुर संबंध प्रभावित होंगे। द्रमुक ने मुख्यमंत्री जयललिता से बांध को लेकर दशकों पुराने इस मुद्दे पर एकता प्रस्तुत करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी मांग की। केरल में स्थित इस बांध पर 999 साल के लीज के तहत तमिलनाडु का इस पर नियंत्रण है। चांडी ने कहा कि केरल बातचीत के माध्यम से इस विवाद का हल चाहता है और केंद्र उसमें मध्यस्थ हो सकता है।
उन्होंने नए बांध को ही एकमात्र स्थायी समाधान करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से दोनों राज्यों के अधिकारियों की 15 या 16 दिसंबर को बैठक होने जा रही है। उन्होंने इस दलील को दुष्प्रचार कहकर खारिज कर दिया कि केरल तमिलनाडु को पानी देने से इनकार करने के लिए नए बांध की मांग कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल तमिलनाडु को जितना पानी मिल रही है, नए बांध बनने के बाद भी उसे उतना ही पानी मिलता रहेगा।
जल संसाधन मंत्री पी.जे. जोसेफ ने इस माह के अंत तक इस विवाद के हल नहीं होने पर नई दिल्ली में अनिश्चितकालीन उपवास की धमकी दी है। केरल विधानसभा के प्रस्ताव में कहा गया है कि जलाशय क्षेत्र के समीप हाल के भूगर्भीय हलचल ने बांध की सुरक्षा पर खतरा पैदा कर दिया है और आशंकाएं दूर करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 9, 2011, 21:34