Last Updated: Sunday, February 19, 2012, 16:08
पटना : पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी ने देश की राजनेता वर्ग की तस्वीर पेश करते हुए रविवार को कहा कि मुहब्बत, जंग और राजनीति में सबकुछ जायज है।
पिछले तीन दिनों से जारी वैश्विक सम्मेलन 2012, जिसका थीम ‘ग्लोबल कांक्लेव ऑन चेंजिंग बिहार) फार्जिग पार्टनरशिप फॉर डेवलपमेंट’ था, के समापन के अवसर पर देश के राजनेता वर्ग की तस्वीर पेश करते हुए गांधी ने कहा कि मुहब्बत, जंग और राजनीति में सबकुछ जायज है।
उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान दौर में राजनीतिक बयानबाजी का जिस प्रकार से स्तर गिरा है उससे यही लगता है कि इस वाकयुद्ध में उसी प्रकार कुछ भी गलत नहीं है जैसा मुहब्बत और जंग में सबकुछ जायज माना जाता है।
गांधी ने कहा कि राजनीति में सबकुछ जायज है और कुछ भी हो सकता है, खासतौर से चुनावी राजनीति में एक दूसरे का विरोध करने वालों के बीच भिडंत विषजन्य हो सकता है जैसा कि अभिजात वर्ग के लोगों के बीच समकक्ष प्रतिद्वंदता पायी जाती है।
उन्होंने कहा कि एक-दूसरे की बदला लेने की प्रवृति और महात्वकांक्षा के चश्मे ने राजनेताओं में सिद्धांत और नैतिकता का स्थान ले लिया है। सत्ता का चस्का और नशा लोकतंत्र और न्याय के बेहतर प्रवृति को मंद कर दिया है।
गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा कि ईमानदार, साफ-सुथरी छवि वाले और अपने को अखंड बताने वाले राजनेताओं के जीवन में पैसे ने कई रास्ते बनाना शुरू कर दिया है और प्रतिशोध, बैर, ईर्ष्या और प्रतिद्वंदता के माहौल में सत्ता की इस राजनीति ने भारतीय राजनीति गतिकी को बदल दिया है तथा यह राजनीति की शक्ति का उपयोग जनता की सेवा के लिए अब्राहम लिंकन, पंडित जवाहर लाल नेहरू और नेलसन मंडेला के सिद्धांत की जगह ले ली है।
प्रोफेसर अमर्त्यसेन के उस कथन जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे मूल्यों में जडता आ गयी है का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा कि राजनीति व्यवस्था आज उस मोड पर पहुंच गयी है कि भारत की संपत्ति, सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय में भारी बढोतरी और उत्पादक क्षमता के बावजूद देश आज खोखला महसूस कर रहा है।
गांधी ने कहा, हमारी सियासत का जिस्म बुलंद है पर उसकी रूह नासाज है। उन्होंने नई नस्ल के राजनीतिज्ञों की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ अपवाद को छोडकर भारत में आज एक नेता की व्याख्या उसके कार्य करने के कद नहीं बल्कि उसके पास लोग कितने हैं और उसकी क्षमता अपने विरोधी को नुकसान पहुंचाने और उसे रोकने कितनी है इससे की जाती है।
गांधी ने कहा आज की राजनीति के दौर में विश्वसनीयता किलो और संरक्षण आउंस में तौली जाती है और लाभुक उसे पवित्र प्रसाद के रूप में स्वीकार करते हैं।
गोपाल कृष्ण गांधी ने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में सुधार लाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देते हुए कहा कि देश के अन्य लोगों की हम भी यही प्रार्थना करें न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में पद की लालसा, दौलत और सत्ता का अहंकार हमारे राजनेताओं के बीच से खत्म हो।
आपराधिक पृष्ठभूमि के चुनाव लडने वाले उम्मीदवार कभी-कभी जीत जाने का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा कि हम चाहते हैं नेता ईमानदार हों पर उन्हें भ्रष्ट किसने बनाया, अगर नौकरशाही तानाशाह है तो उन्हें तानाशाह किसने बनाया।
गांधी ने दिवंगत समाजवादी नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण को लिखे एक खुले और कल्पित पत्र के माध्यम से लोगों से अपील की कि वे अपने जनप्रतिनिधियों से प्रश्न पूछकर देश की राजनीति और राजनीतिक व्यवस्था की गुणवत्ता को एक आकार देने में सार्थक भूमिका निभाएं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 19, 2012, 21:48