Last Updated: Wednesday, January 25, 2012, 08:19
बेंगलूर : ‘एंटरिक्स-देवास करार’ के मुद्दे पर अपने खिलाफ की गई कार्रवाई से आहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख जी. माधवन नायर ने इस कदम के पीछे अंतरिक्ष एजेंसी के मौजूदा अध्यक्ष के. राधाकृष्णन का हाथ होने का बुधवार को आरोप लगाया।
उन्होंने सरकार को गुमराह करने के लिए इसे राधाकृष्णन का एक ‘निजी एजेंडा’ बताया। इस कदम से दुखी नायर ने यहां बताया कि यह उनका (राधाकृष्णन का) निजी एजेंडा है। इस व्यक्ति ने कई लोगों को निशाना बनाया है और इस प्रक्रिया में वह इस संगठन को खत्म कर रहे हैं।
भारत के ‘चंद्रयान-1 मिशन’ में अहम भूमिका निभाने वाले नायर ने आरोप लगाया, वह (राधाकृष्णन) ने पूरे मुद्दे (विवादास्पद देवास करार) पर सरकार को गुमराह किया। इसके पीछे वह प्रमुख व्यक्ति हैं, उन्होंने सरकार को गुमराह किया और गलत सूचना दी और उन्होंने कार्रवाई की। विवादास्पद एंटरिक्स-देवास करार के मद्देजनर सरकार ने नायर और तीन अन्य अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के खिलाफ कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि नायर ने आरोप लगाया है कि उन्हें और तीन अन्य वैज्ञानिकों के सरकारी पदभार ग्रहण पर रोक लगाने के पीछे राधाकृष्णन का हाथ है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 26, 2012, 12:15