Last Updated: Monday, October 3, 2011, 18:53
अहमदनगरः भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्दी की ग्राम सभा द्वारा उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि प्रदान करने का प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. साथ ही हजारे ने कहा कि उसे किसी से साथ तुलना ना की जाए.
उन्होंन ने कहा कि मैं एक साधारण भारतीय हूं मैं महात्मा गांधी, महात्मा फूले और डॉ. भीम राव अंबेडकर के बताए गए मार्गों का अनुसरण कर रहा हूं. गांधीवादी अन्ना हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्धी में कहा कि लोगों को इन महात्मा की नैतिकता और मूल्यों को अपने जीवन में उतार कर खुद की तरक्की की कोशिश करनी चाहिए.
गांव की ग्रामसभा ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर एक प्रस्ताव पारित कर अपने गांव के सपूत को देश के प्रति बहुमूल्य योगदान के लिए 'महात्मा' के खिताब से नावाजा था.
इस पर अन्ना ने ग्रमीणों से कहा कि उसे महात्मा न कहें. वह एक आम नागरिक है और इसी रुप में अपन कर्तव्यों का पालन करना चाहता हूं.
गांधी जयंती के अवसर पर रालेगण सिद्धी में पद्मावती मंदिर से सामने बापू की प्रतिमा का अनावरण किया गया. इसी मंदिर में अन्ना हजारे रहते हैं. (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 4, 2011, 00:27