Last Updated: Monday, December 26, 2011, 12:32
तिरूवनंतपुरम : लोकसभा सदस्य के रूप में पिछले दो साल की अपनी प्रमुख उपलब्धियों का लेखाजोखा देते हुए शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि वह अपने काम से निराश नहीं हैं। थरूर ने कहा कि उन्होंने राजनीति में सबक सीखे और उनके भ्रम दूर हुए हैं।
कूटनीति से राजनीति में आये कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह खांटी (टिपिकल) राजनीतिज्ञ नहीं बने। उन्होंने खांटी शब्द की परिभाषा करने से इंकार करते हुए कहा, मैं अभी तक वहीं हूं जो मैं हुआ करता हूं। मैं सबक सीख रहा हूं और योगदान दे रहा हूं।
उन्होंने कहा कि पूरे राजनीतिक वर्ग पर दोष मढ़ना आज का चलन बन गया है। यह अनुचित है। भ्रष्ट नेता हो सकते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनके पास राजनीति में लंबा अनुभव है और वे सामाजिक सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एक सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि वह उपर से नहीं टपके हैं। यदि मैं उपर से टपका (पैराशूट के माध्यम से) होता तो मैं राज्यसभा में प्रवेश करता। लेकिन मैंने जमीनी परिवहन का रास्ता चुना। मैं सभी वर्ग के लोगों तक गया और निष्पक्ष एवं समुचित तरीके से चुनाव जीता। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 26, 2011, 18:02