Last Updated: Monday, July 30, 2012, 16:27

चेन्नई: चेन्नई जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस के यात्रियों के लिए यह यात्रा एक खौफनाक अनुभव बन गई। इस यात्रा में उन्होंने जिंदा लोगों को रेल के डिब्बे में जलते हुए देखा।
दिल्ली की यात्री चित्रा को उस सुबह का खौफनाक मंजर अभी भी याद है जब उनकी बोगी में लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। जैसे ही रेल ने नेल्लोर स्टेशन छोड़ा था तभी चित्रा वाली बोगी में आग लग गई थी।
चित्रा बताती हैं,‘सब ओर बस धुंआ ही धुंआ था जिसे देखकर मैं रेल से बाहर कूद गई। ’जम्मू कश्मीर निवासी सहज अहमद भोपाल से इस गाड़ी में चढ़े थे। वे कहते हैं कि जैसे ही उन्हें इस आपदा की जानकारी हुई वे जल्दी से सुरक्षा के लिए दौड़े।
सहज को लगता है कि अपनी जान बचाने के लिए शायद वे कुछ शवों पर से भी होकर निकले हों। वे कहते हैं,‘सब तरफ धुंआ था और भागदौड़ मची थी। अपनी जिंदगी बचाने के लिए मैं दौड़ पड़ा।’ हालांकि इस बोगी के साथ लगे डिब्बे के यात्रियों के पास एक अलग कहानी सुनाने को है। वे कहते हैं कि तीन दिन की इस यात्रा के दौरान कई जगह बारिश हुई थी इसलिए उन्होंने अपनी खिड़कियां और दरवाजे बंद कर लिए थे।
अपने परिवार के साथ सफर कर रहे देवनाथन कहते हैं,‘खिड़की दरवाजे बंद होने के कारण हम एस 11 कोच से आने वाली चीखें नहीं सुन पाए। हमें इस बारे में काफी देर से पता चला। तब उन लोगों तक पहुंचने में काफी देर हो चुकी थी। एस 11 तक पहुंचने पर हम सिर्फ धुंए और धूल का आवरण ही देख पा रहे थे।’
यह रेल शनिवार रात को नई दिल्ली से चली थी और एस 11 कोच को नेल्लोर पर हटा देने के बाद आज सुबह साढ़े ग्यारह बजे यहां पहुंची।
दक्षिणी रेलवे ने केंद्रीय रेलवे स्टेशन पर एक आपातकालीन केन्द्र शुरू कर दिया है । रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनय मित्तल ने नेल्लोर रवाना होने से पहले बताया कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 30, 2012, 16:27