Last Updated: Wednesday, December 14, 2011, 04:15
ज़ी न्यूज ब्यूरोसूरत : गुजरात के सूरत में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के 18 दिसंबर को सद्भावना उपवास से पहले लगाए गए पोस्टरों और होर्डिंग्स को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विवाद के पीछे वजह यह रही कि भाजपा सांसद मनसुख वसावा ने एक कार्यक्रम में कहा था कि आलोचना करने वालों की हम परवाह नहीं करते। शहर में जिस तरह हाथी निकलता है और कुत्ते भौंकते रहते हैं, लेकिन कभी भी पीछे मुड़कर हाथी नहीं देखता, ठीक उसी तरह हमें कांग्रेस के नेताओं के भाषण की परवाह नहीं करनी है।
मनसुख के इस वक्तव्य के तुरंत बाद बीजेपी की सूरत इकाई ने हाथी और कुत्तों वाली बात को पोस्टरों और होर्डिंग्स में उतार दिया। पोस्टर में नरेंद्र मोदी की तस्वीर के बगल में कुत्ते भौंक रहे हैं और उनके पीछे पंजा वाला एक हाथ दिखाया गया है। इन पोस्टरों के शहर में टंगते ही कांग्रेस बौखला गई है।
गुजरात कांग्रेस सचिव संजय पटवा का कहना है कि भाजपा ने जिस तरह के पोस्टर लगाए हैं उससे साफ जाहिर है कि यह सद्भावना नहीं, बल्कि दुर्भावना उपवास है। सिर्फ यही नहीं, सूरत में लगाए गए कुछ और पोस्टर भी विवाद की जड़ बन गए हैं।
इनमें से एक पोस्टर में वॉलमार्ट के मुद्दे पर सोनिया और राहुल गांधी के बीच संवाद को भी दर्शाया गया है, जिनमें राहुल को अपने दोस्त की खातिर वॉलमार्ट की मंजूरी दिलाने की सिफारिश करते दिखाया गया है। सूरत में 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दिन का सद्भावना उपवास करने का कार्यक्रम है।
First Published: Wednesday, December 14, 2011, 09:46