Last Updated: Tuesday, September 17, 2013, 14:51

पटना : बिहार में नरेन्द्र मोदी को लेकर राजनीतिक दलों में बयानबाजी कोई नई बात नहीं है परंतु नरेन्द्र मोदी (नमो) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद यह बयानबाजी न केवल तेज हुई है बल्कि इस दौरान बयानों में नेता अपनी मर्यादा तक भूल रहे हैं।
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल दल (युनाइटेड) के नेताओं ने नमो को लेकर जुबानी हमला तेज कर दिया है, वहीं भाजपा के नेता उन्हें ऐसे बयानों से बचने की नसीहत दे रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सोमवार को जनता दरबार के बाद पत्रकारों से चर्चा में कहा था कि किसी को भी किसी के बारे में ऐसा कुछ नहीं कहना चाहिए।
बिहार के कृषि राज्य मंत्री नरेन्द्र सिंह ने नमो पर व्यक्तिगत प्रहार करते हुए कहा है कि वह आसमान में उड़ रहे हैं। वह एकदम सनक गए हैं। उनका दिमाग खराब हो गया है। उन्हें इलाज के लिए एक दिन कांके (रांची का पागलखाना) भेज देना पड़ेगा। इधर, राज्य के परिवहन मंत्री वृषिण पटेल ने कहा कि नमो देश के लिए खतरनाक हैं। वह सेना के भगवाकरण का गुप्त एजेंडा चला रहे हैं। उनका व्यवहार ऐसा है, जैसे देश के वह सचमुच में प्रधानमंत्री बन गए हैं।
इसके पूर्व अपने बयानों से कई बार सरकार की किरकिरी करा चुके राज्य के ग्रामीण कार्य विभाग मंत्री भीम सिंह ने कहा कि भाजपा एक ऐसे व्यक्ति को आगे ला रही है जिस पर हत्या, लूट, बलात्कार और दंगा ही नहीं नरसंहार करने का आरोप है। ऐसा नहीं कि जद (यू) के नेता केवल मोदी की आलोचना ही कर रहे हैं, राज्य के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री गौतम सिंह ने मोदी के रेवाड़ी में दिए गए उस बयान का समर्थन भी किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश का नेतृत्व कमजोर है।
इधर, भाजपा के नेता और पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह ने इन बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जद (यू) के नेता उनका मुंह नहीं खुलवाएं, वरना सभी लोगों के विषय में वे जानते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे अपने मंत्रियों की ऐसी बयानबाजी पर लगाम लगाएं।
राजनीति के जानकार भी कहते हैं कि बिहार में राजनीतिक बयानबाजी में मर्यादा तोड़ देना कोई नई बात नहीं है। पिछले चुनाव में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार और जद (यू) के नेता ललन सिंह को लेकर एक निजी टिप्पणी की थी, जिसके बाद मामला काफी गरमा गया था। विश्लेषक कहते हैं कि आज राजनीति में एक दूसरे को नीचा दिखाने की कवायद चल रही है, जिसके कारण ऐसे बयान जन्म लेते हैं। पटना के जाने-माने पत्रकार गंगा प्रसाद कहते हैं कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा वैसे-वैसे दलों के नेताओं की तल्खी बढ़ेगी और बयानों में मर्यादा तार-तार होगी। वे यह भी कहते हैं कि 17 वर्षों का भाजपा और जद (यू) का गठबंधन टूटने के बाद ही तय हो गया था कि बयानबाजी का दौर गर्म रहेगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 17, 2013, 14:51