Last Updated: Tuesday, April 9, 2013, 23:26

कोलकाता : केंद्र की मौजूदा संप्रग सरकार को स्वतंत्रता के बाद से सर्वाधिक नापसंद की जाने वाली सरकार बताते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवारको यह कहते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का उपहास उड़ाया कि कैसे वह देश का नेतृत्व कर सकते हैं जब उनकी अपनी पार्टी ने उन्हें नेता के तौर पर ‘स्वीकार नहीं’ किया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संभवत: संप्रग स्वतंत्रता के बाद से सर्वाधिक नापसंद की जाने वाली सरकार है। मैंने किसी और सरकार के खिलाफ इस तरह की घृणा और गुस्सा नहीं देखा है। इसने किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए कोई भरोसेमंद कदम नहीं उठाया। इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि संप्रग सरकार को उखाड़ फेंका जाए।
मोदी को साल 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रबल दावेदार तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि अगर आप कांग्रेस के 100 कार्यकर्ताओं से पूछें कि उनका नेता कौन है तो कोई भी प्रधानमंत्री होने के बावजूद मनमोहन सिंहजी का नाम नहीं लेगा। जब उनकी अपनी पार्टी उन्हें नेता के तौर पर स्वीकार नहीं करती है तो कैसे इस तरह का प्रधानमंत्री देश का नेतृत्व कर सकता है।
कांग्रेस पार्टी के भीतर सत्ता के केंद्रों के मुद्दे का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘कहीं भी क्या मैं सत्ता का कोई संकेत देख सकता हूं। तब कहां से सत्ता के केंद्र को लेकर इस तरह की चर्चा आई मुझे नहीं मालूम।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘समूची दुनिया राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान सामने आए भ्रष्टाचार के लिए हमारे देश पर हंस रही थी। समूचे शो का प्रबंधन कांग्रेस कर रही थी और बाद में यह देखा गया कि करोड़ों रुपये लूट लिए गए लेकिन कांग्रेस जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।’’ उन्होंने केंद्र पर नीतिगत रूप से लकवाग्रस्त होने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि वह इतालवी मरीनों, बांग्लादेश और पाकिस्तानी सैनिकों के भारतीय सैनिकों का सिर काट लेने जैसे कई मुद्दों पर लड़खड़ाई है।
उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी इतालवी मरीनों को मतदान करने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी गई जबकि किसी भारतीय आरोपी की मां भी मर जाए तो उसे अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए भी जाने की अनुमति नहीं दी जाती। कांग्रेस शासन की ‘लचर’ विदेश नीति की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि यहां तक कि छोटा सा देश भी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को उचित सम्मान नहीं देता है।
उन्होंने कहा कि आखिर क्यों कोई छोटा सा देश भी भारत को सम्मान दे जब हमारे अपने विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र में जाते हैं और किसी और देश का भाषण पढ़ देते हैं। वस्तुत: वह 2011 में हुई उस घटना का उल्लेख कर रहे थे जिसमें तत्कालीन विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने गलती से संयुक्त राष्ट्र में अपने पुर्तगाली समकक्ष के भाषण के दो पैराग्राफ पढ़ दिए थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 9, 2013, 17:57