Last Updated: Wednesday, June 19, 2013, 22:45

नई दिल्ली : राजधानी में यमुना का जल स्तर अब तक के सबसे उंचे स्तर 207.49 मीटर की ओर तेजी से बढ़ रहा है तथा कई निचले इलाकों में इसका पानी भर गया है । अधिकारियों ने पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है जबकि नदी में एक व्यक्ति डूब गया।
लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार है। संबद्ध सभी विभाग और एजेंसियां स्थिति से निपटने के लिए सर्वोत्तम उपाय कर रही हैं।
नदी का जलस्तर शाम सात बजे तक बढ़ कर 207.22 मीटर हो गया जो 204.83 मीटर के खतरे के निशान से 2.49 मीटर अधिक है। जल स्तर के और बढ़ने की आशंका है। यमुना में अभी तक सबसे उंचा जल स्तर 207.49 मीटर 1978 में दर्ज किया गया था जब शहर में अचानक बाढ़ आयी थी। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार मध्यरात्रि तक जलस्तर के सबसे उंचे स्तर को पार कर जाने की आशंका है।
राज्य सरकार ने जरूरत पड़ने पर सेना को नगर प्रशासन की मदद के लिए सतर्क कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि युमना जल स्तर बढ़ने का प्राथमिक कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पिछले तीन दिनों में 11 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है। पड़ोसी राज्य ने बुधवार को करीब एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा।
अधिकारियों ने कहा कि गढ़ी मांडू, उस्मानपुर पुश्ता और जगतपुर गांव उस्मानपुर, यमुना बाजार, भजनपुरा और शास्त्री पार्क जैसे पूर्वी दिल्ली के इलाकों में यमुना का पानी भर गया है। उन्होंने बताया कि मजनूं का टीला में नहा रहा एक व्यक्ति यमुना में डूब गया। उसका शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है। पिछले 40 सालों में राजधानी में 1967, 1971, 1975, 1976, 1978, 1988, 1995 और 1998 में बाढ़ आयी थी।
अधिकारियों ने प्रभावित लोगों को ठिकाना मुहैया कराने के मकसद से राजधानी के चार जिलों में 400 तंबू लगाये हैं। इनमें पूर्व में 240, दक्षिणपूर्व में 100, मध्य में 50 और पूर्वोत्तर में 30 शामिल हैं। पूर्वी दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाले 145 साल पुराने लोहे के पुल को यमुना नदी में जल स्तर के खतरनाक रूप से बढ़ने के बाद रेल एवं सड़क यातायात के लिए कल बंद कर दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 19, 2013, 18:59