Last Updated: Monday, March 4, 2013, 13:25
मथुरा : यमुना मुक्ति पदयात्रा में आज सुबह पूर्व कारागार मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायण के नेतृत्व में शामिल हुए स्थानीय लोगों तथा भाकियू के किसानों ने यात्रा को दिल्ली की ओर न बढ़ाकर उत्तर प्रदेश की सीमा में ही फैसला कराने के लिए सोमवार सुबह करीब नौ बजे दिल्ली-आगरा राजमार्ग को जाम कर दिया।
इससे दिल्ली की ओर जाने वाले तथा वहां से आगरा की ओर आने वाले वाहनों की लम्बी कतार लग गई जब तक पुलिस प्रशासन उन्हें सड़क मार्ग से हटा पाता तब तक हजारों पदयात्रियों के दूसरे गुट ने शामकैन मल्टीफैब फैक्टरी के समीप दिल्ली-आगरा रेलमार्ग पर भी कब्जा कर लिया। उन्होंने दिल्ली की ओर से आगरा जा रही एक मालगाड़ी को रोका और फिर सवारी गाड़ियों को भी रोकना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि एक मार्च को मथुरा के छटीकरा गांव से यमुना को हथिनी कुण्ड से मुक्त कराने का संकल्प लेकर दिल्ली की ओर चली हजारों पदयात्रियों की यात्रा रविवार को प्रदेश के सीमावर्ती कस्बे कोसीकलां में पहुंच गई थी। सोमवार को पदयात्रियों को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उत्तर प्रदेश की सीमा पार कर हरियाणा के होडल कस्बे में डबचिक होटल के निकट पड़ाव डालना था।
यमुना रक्षक दल के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील सिंह के अनुसार उन लोगों ने तो इसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली थीं, लेकिन कोसीकलां के स्थानीय लोगों ने खुद ही निर्णय लेते हुए किसानों के साथ मिलकर राजमार्ग के दोनों रास्ते जाम कर दिए। इससे पूर्व पुलिस ने एक तरफ का रास्ता तो उनके लिए पहले से ही खाली करा दिया था। दिल्ली आगरा राजमार्ग को वन वे कर दिया गया था। दूसरी ओर घटना की जानकारी मिलने पर वरिष्ठ अधीक्षक प्रदीप कुमार यादव कोसीकलां रवाना हो गए। उन्होंने फोन पर बताया कि वह हरसंभव प्रयत्न करेंगे कि पदयात्री जाम खोलकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही आगे की यात्रा सुचारू करें तथा कोई अप्रिय स्थिति पैदा न हो सके।
ध्यान रहे, बीस-पच्चीस हजार आंदोलनकारियों को संभालने तथा सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस और पीएसी के करीब एक हजार जवान तथा कई आपातकालीन सेवाओं के आवश्यक दस्ते इस यात्रा में चल रहे हैं।
First Published: Monday, March 4, 2013, 13:25