Last Updated: Thursday, July 26, 2012, 16:12

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनउ में अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर लगी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति को आज कुछ अज्ञात लोगों ने खंडित कर दिया। इस घटना से नाराज बहुजन समाज पार्टी ने इसे सरकार के इशारे पर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी हरकत करार दिया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस वारदात की निंदा करते हुए कहा कि यह कृत्य प्रदेश के सौहार्द्रपूर्ण वातावरण को दूषित करने का सुनियोजित प्रयास है और इसके दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
इस घटना की जिम्मेदारी तथाकथित संगठन उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना ने ली है।
दोपहर में कुछ अज्ञात लोगों ने अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल स्थित बसपा नेता मायावती की मूर्ति पर बड़े हथौड़े से ताबड़तोड़ प्रहार करके प्रतिमा का सिर तथा दोनों हाथ तोड़ डाले।
इस मामले में कथित उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना का नाम सामने आ रहा है। प्रशासन का कहना है कि घटना के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बयान में अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल स्थित पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति क्षतिग्रस्त किये जाने की निंदा करते हुए कहा कि यह कृत्य प्रदेश के सौहार्द्रपूर्ण वातावरण को दूषित करने का सुनियोजित प्रयास है।
उन्होंने कहा कि इस कृत्य के लिये दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तथा क्षतिग्रस्त मूर्ति को तुरन्त ठीक कराने के निर्देश दे दिये गये हैं।
इस बीच, तथाकथित संगठन उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना ने मायावती की मूर्ति तोड़ने की जिम्मेदारी ली है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमित जानी ने कहा ‘मायावती की मूर्तियां कलंक हैं। इनको तत्काल तोड़ देना चाहिए। जिस महिला ने उत्तर प्रदेश के 20 करोड़ लोगों को तानाशाह की तरह लूटा, उसकी मूर्तियां खड़ी नहीं रहनी चाहिए।’ इधर, भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस ने भी मायावती की मूर्ति को खंडित किये जाने की निंदा करते हुए इसे गलत हरकत करार दिया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 26, 2012, 16:12