Last Updated: Wednesday, October 31, 2012, 23:43

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक विदेशी नागरिक से विवाह करने के इच्छुक सेना के एक मेजर के पक्ष में फैसला सुनाने वाले एकल पीठ के आदेश के खिलाफ केंद्र की ओर से दायर अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा है कि यह सेना है खाप पंचायत नहीं।
केंद्र सरकार के वकील की ओर से पेश की गई दलीलों से असंतुष्ट मुख्य न्यायाधीश विक्रमजीत सेन ने मौखिक रूप से कहा, ‘यह खाप पंचायत नहीं है, यह सेना है।’ बेंगलुरु निवासी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में सिगनल कोर में कार्यरत मेजर विकास कुमार ने 29 वर्षीय श्रीलंकाई महिला अर्निल पुनरत्ने से विवाह करने की इच्छा जतायी है जो कि यहां पर एमफिल कर रही है। मेजर कुमार ने 29 जून 2011 को सेना में आवेदन देकर सेवा से यह कहते हुए मुक्त करने की मांग की कि वह एक विदेशी से विवाह करना चाहते हैं जो अपनी राष्टीयता छोड़ना को तैयार नहीं है।
अदालत ने कहा, ‘हम सेना का रुख बिल्कुल भी नहीं समझ पा रहे हैं। यह व्यक्ति के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के एक राष्ट्रपति एवं सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर ने भी एक विदेशी से विवाह किया था।’ अदालत ने यह उल्लेख पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन के बारे में किया जिन्होंन म्यामां की मा टिंट टिंट से विवाह किया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 31, 2012, 23:43