Last Updated: Friday, September 2, 2011, 08:33
रायपुर. स्कूल में पढ़ाई होगी, परीक्षा होगी लेकिन कोई फेल नहीं होगा. बच्चों के लिए इससे बड़ी खुशखबरी क्या हो सकती है. ऐसा होने जा रहा है छत्तीसगढ़ सरकार के एक फैसले से जिसमें राज्य के प्राथमिक स्कूल का कोई भी छात्र फेल नहीं होगा.
यह प्रावधान राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में किया गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि शिक्षक अगर किसी छात्र को किसी भी प्रकार की यातना देता है तो उस पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
सरकारी सूत्रों का कहना है, "प्रारंभिक शिक्षा संबंधित किसी विद्यालय में विद्यार्थी को शारीरिक दण्ड नहीं दिया जाएगा या फिर उसका किसी भी प्रकार से मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जाएगा. जो शिक्षक या स्कूलकर्मी इन नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ़ विभागीय भर्ती नियम एवं सामान्य प्रशासन विभाग के नियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी."
छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग नें स्पष्ट किया है कि प्रारंभिक शिक्षा की अवधि में किसी भी स्तर पर कोई बोर्ड परीक्षा नहीं होगी. साथ ही प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने पर प्रत्येक बच्चे को निर्धारित प्रमाण पत्र संबंधित विद्यालय द्वारा जारी किया जाएगा.
इसके साथ ही नीजी ट्यूशन देने वाले शिक्षकों के बारे में हिदायत दी गई है कि कोई भी शिक्षक या शिक्षाकर्मी निजी टयूशन या निजी शिक्षण का कार्य नहीं करेगा.
सरकार के अनुसार प्राथमिक शिक्षा पा रहे छात्रों को न तो किसी कक्षा में रोका जाएगा, न ही विद्यालय से निष्कासित किया जाएगा. अगर ऐसा होता है तब भी शिक्षकों और स्कूल के संचालकों की कार्रवाई की जांच की जाएगी.
First Published: Friday, September 2, 2011, 14:03