Last Updated: Friday, December 16, 2011, 11:37
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त की प्रारम्भिक जांच में राज्य के लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री चंद्रदेव राम यादव के पद पर रहते हुए एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल से बतौर प्रधानाचार्य वेतन लेने की पुष्टि हुई है।
लोकायुक्त द्वारा मंत्री के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने और जमीन पर अवैध कब्जे के आरोपों की जांच में यह नया पहलू सामने आया है। यादव आजमगढ़ जिले के बम्हौर गांव में एक स्कूल भी संचालित करते हैं।
लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा के अनुसार आजमगढ़ के समाज कल्याण अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चंद्रदेव राम यादव मंत्री बनने के बाद भी अपने स्कूल के प्रधानाचार्य पद पर बने रहे और तनख्वाह लेते रहे। उन्होंने बताया कि यादव ने काम किए बगैर वेतन लिया। इसके अलावा एक मंत्री नैतिक आधार पर किसी बेसिक शिक्षा अधिकारी या जिला समाज कल्याण अधिकारी के अधीन काम नहीं कर सकता। यादव से अपने खिलाफ लगे इल्जामों पर आगामी 23 दिसम्बर तक जवाब देने को कहा गया है।
लोकायुक्त ने बताया कि जांच में यह भी पाया गया है कि यादव ने छह रिवाल्वर के लाइसेंस भी ले रखे हैं, जिनके बारे में उनका कहना है कि उन्हें चुनाव अभियान के दौरान इनकी जरूरत पड़ेगी। लोकायुक्त ने आजमगढ़ के जिलाधिकारी को मंत्री पर लगे अवैध जमीन कब्जे सम्बन्धी मामले पर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 16, 2011, 18:07