यूपी: जाति आधारित राजनीतिक रैलियों पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक

यूपी: जाति आधारित राजनीतिक रैलियों पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक

यूपी: जाति आधारित राजनीतिक रैलियों पर हाईकोर्ट ने लगायी रोकलखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने गुरुवार को एक अहम फैसले में पूरे उत्तर प्रदेश में जातियों के आधार पर की जा रही राजनीतिक दलों की रैलियों पर तत्काल रोक लगा दी । अदालत ने मामले में पक्षकारों केन्द्र तथा राज्य सरकार समेत भारत निर्वाचन आयोग एवं चार राजनीतिक दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को नोटिस जारी किए हैं ।

न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह तथा न्यायमूर्ति महेन्द्र दयाल की खंडपीठ ने यह आदेश स्थानीय वकील मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उत्तर प्रदेश में जातियों पर आधारित राजनीतिक रैलियों की बाढ़ आ गयी है और सियासी दल ब्राहमण रैली, क्षत्रिय रैली, वैश्य सम्मेलन आदि नाम देकर अंधाधुंध जातीय रैलियां कर रहे हैं।

याची का तर्क था कि इससे सामाजिक एकता और समरसता को जहां नुकसान हो रहा है वहीं, ऐसी जातीय रैलियां तथा सम्मेलन समाज में लोगों के बीच जहर घोलने का काम कर रहे हैं, जो संविधान की मंशा के खिलाफ है।

उधर, राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल पेश हुईं। याची ने याचिका में केन्द्र, उत्तर प्रदेश सरकार, केन्द्रीय निर्वाचन आयोग और कांग्रेस, भाजपा, सपा तथा बसपा को पक्षकार बनाया है।

गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा ने प्रदेश के करीब 40 जिलों में ब्राहमण भाईचारा सम्मेलन आयोजित किये थे। उसके अलावा सपा ने भी पिछले महीने लखनउ में ऐसा ही सम्मेलन किया था। साथ ही उसने मुस्लिम सम्मेलन भी आयोजित किये थे। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 11, 2013, 12:16

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