यूपी में आरक्षण संबंधी महापंचायत पर रोक, प्रशासन सतर्क

यूपी में आरक्षण संबंधी महापंचायत पर रोक, प्रशासन सतर्क

लखनऊ/इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की आरक्षण नीति को फिर से लागू करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थक छात्रों ने मंगलवार को इलाहाबाद में महापंचायत का आयोजन करने का ऐलान किया है। इधर, जिला प्रशासन ने इस पर पाबंदी लगाते हुए कहा है कि किसी भी हाल में महापंचायत का आयोजन नहीं होने दिया जाएगा। इलाहाबाद में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

राज्य सरकार और जिला प्रशासन को आशंका है कि इलाहाबाद में इस महापंचायत के आयोजन के बाद करीब सवा महीने से शांत पड़ा आरक्षण का बवंडर फिर उठ सकता है। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ने का भी अनदेशा जताया जा रहा है और इसलिए इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है।

महापंचायत को सफल बनाने की कोशिश में 10 से अधिक आरक्षण समर्थकों को सोमवार देर रात हिरासत में लिया गया है। इस महापंचायत में हिस्सा लेने आ रहे जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव को देर रात गाजियाबाद में और अपना दल की विधायक अनुप्रिया पटेल को रायबरेली में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के भय से अधिकांश आरक्षण समर्थक नेता भूमिगत हो गए हैं।

इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उमेश श्रीवास्तव ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि शहर के के.पी.कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाली इस महापंचायत पर जिला प्रशासन ने पाबंदी लगा दी है और किसी भी हालत में इसे नहीं होने दिया जाएगा। के.पी.कॉलेज मैदान के साथ-साथ पूरे शहर में जगह-जगह पर पुलिस बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। दूसरे जिलों से पुलिस बल मंगाए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि यूपीपीएससी ने गत मई माह में पीसीएस परीक्षा-2011 में आरक्षण देने का निर्णय किया था, लेकिन छात्रों के एक तबके के कड़े विरोध के बाद आयोग ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया था।

आरक्षण समर्थक छात्र पिछले कुछ समय से लगातार मांग कर रहे हैं कि आयोग द्वारा लिया गया आरक्षण लागू करने का फैसला फिर से बहाल किया जाए। पिछले महीने उन्होंने सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं के घरों को निशाना बनाते हुए शहर में तोड़फोड़ की थी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, September 17, 2013, 13:49

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