Last Updated: Monday, March 5, 2012, 10:31
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीते 6 मार्च को आएंगे, लेकिन परिणाम आने से पहले सोमवार से ही प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आपस में गठबंधन को लेकर जोर-शोर से संपर्क और तालमेल की कवायद शुरू हो गई है। वहीं, सभी चरणों के मतदान के बाद किए गए दो सर्वेक्षणों ने उत्तर प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा के संकेत दिए। सरकार बनाने के चार प्रमुख दावेदार दलों में समाजवादी पार्टी (सपा) की दावेदारी को शीर्ष स्थान दिया गया है।
ऐसे में नए चुनावी समीकरणों की आहट पाकर राजनीतिक दलों ने अपने अपने मोहरे भी बिठाना शुरू कर दिया है। अवसर को भांपते हुए कांग्रेस ने बसपा को लुभाने की कोशिश की है। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने चुनाव के बाद बसपा से ही गठबंधन किए जाने की वकालत की है।2007 में मुलायम सिंह यादव के साथ मतभेदों के बाद सपा को छोड़ चुके बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर सपा के बजाय बसपा से तालमेल के पक्षधर हैं। सपा को उन्होंने गुंडों की पार्टी करार दिया।
वहीं, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के पलटवार करने के बाद केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने सोमवार को एक बार फिर कहा कि लोग जितने चाहे दावे करें लेकिन सत्ता की चाभी कांग्रेस के पास ही रहेगी। लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बेनी ने कहा, सत्ता की चाभी कांग्रेस के पास ही रहेगी और दिग्विजय सिंह का कहना सही है कि कांग्रेस का आंकड़ा 100 के ऊपर जा सकता है। एक सवाल के जवाब में बेनी प्रसाद ने बड़े ही मुखर अंदाज में कहा, मैं कांग्रेस के नेताओं से पूछकर कोई बयान नहीं देता। बेनी ने यह भी कहा कि यदि गठबंधन की नौबत आती है तो वे व्यक्तिगत तौर पर बसपा को पसंद करेंगे क्योंकि बसपा दलितों की पार्टी है। हालांकि कांग्रेस ने वर्मा की टिप्पणी को उनकी निजी राय करार दिया है।
वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ में कहा कि यदि कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो वे सरकार बनाने का दावा करेंगे। ऐसा न होने की सूरत में विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे। इस बीच, रिपोर्ट के अनुसार कहा गया है कि बहुजन समाज पार्टी संभावित गठबंधन को लेकर पिछले दरवाजे से भाजपा के साथ बातचीत कर रही है।
सपा की साख को पुन: पटरी पर लाने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी और बहुत संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सरकार बनी तो उनके पिता मुख्यमंत्री होंगे । हालांकि उन्होंने संख्या बल कम पड़ने की सूरत में कांग्रेस या राहुल गांधी का समर्थन हासिल करने संबंधी सवालों को टाल दिया और कहा कि यह सब चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा।
First Published: Tuesday, March 6, 2012, 12:37