येदियुरप्पा की अग्रिम बेल अर्जी पर फैसला टला

येदियुरप्पा की अग्रिम बेल अर्जी पर फैसला टला


बेंगलूरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अवैध खनन मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और उनके रिश्तेदारों की अग्रिम जमानत याचिका पर अपना आदेश कल तक के लिए टाल दिया। न्यायमूर्ति सुभाष बी. आदी ने याचिका पर दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद आदेश सुनाने की तारीख आज के लिए मुकर्रर की थी।

न्यायमूर्ति सुभाष बी. आदी ने कहा कि मैं इसे (आदेश को) आज नहीं पढ़ना चाहता। मैं इसे कल करूंगा। येदियुरप्पा और अन्य की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई के वकील अशोक भान ने कहा था कि अवैध खनन मामले में प्रथम दृष्टया येदियुरप्पा और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ मामला बनता है, जिसके लिए उनसे हिरासत में पूछताछ किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि 2006 और 2010 में सरकारी मैसूर मिनरल्स लिमिटेड और जिंदल समूह के बीच हुए समझौते से पहली नजर में सरकारी खजाने को कथित रूप से 700 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का मामला बनता है। येदियुरप्पा 2006 में जद एस-भाजपा गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। इसके बाद वह 2010 में राज्य के मुख्यमंत्री थे।
सीबीआई ने दावा किया कि राचेनाहल्ली स्थित भूमि को गैर अधिसूचित करने और येदियुरप्पा के रिश्तेदार से बाद में साउथ वेस्ट माइनिंग कंपनी के जमीन खरीदने पर येदियुरप्पा परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को साउथ वेस्ट माइनिंग लिमिटेड से 10 करोड़ रुपये लेने के आरोप में पहली नजर में मामला बनता है।

येदियुरप्पा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीवी नागेश ने दलील दी कि अवैध खनन के संबंध में केंद्रीय अधिकार संपन्न समिति की रिपोर्ट के आधार पर उच्चतम न्यायालय द्वारा सीबीआई को मामले की जांच का आदेश अवैध तरीके से भूमि को गैर अधिसूचित करने के मामले में अधिवक्ता सिराजिन बाशा की ओर से दायर पहली शिकायत की प्रतिलिपि है। इस मामले में येदियुरप्पा को जमानत मिल चुकी है। नागेश ने कहा कि उनके मुवक्किल ने आठ नवंबर 2011 को जमानत मिलने के बाद जमानत शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं किया।

उन्होंने कहा कि इस मामले में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का भी कोई सवाल नहीं है क्योंकि बाशा की शिकायत मौखिक साक्ष्यों पर नहीं बल्कि दस्तावेजी साक्ष्यों पर आधारित थी। इन साक्ष्यों को अदालत के पास पहले ही रखा जा चुका है।
येदियुरप्पा के अतिरिक्त उनके सांसद पुत्र बी वाई राघवेंद्र और बी वाई विजयेंद्र के अतिरिक्त उनके दामाद आर एन सोहन कुमार ने भी गत 13 जून को सीबीआई अदालत से अर्जी खारिज होने के बाद अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। सीबीआई ने गत 16 जून को येदिुयरप्पा के दो पुत्रों और दामाद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उनके परिसरों पर छापेमारी के बाद अपनी जांच के सिलसिले में उनसे पूछताछ की थी। शीर्ष अदालत के निर्देश पर अवैध खनन मामले की जांच के लिए गठित केंद्रीय अधिकार संपन्न समिति की अनुशंसाओं के आधार पर सीबीआई इन आरोपों की जांच कर रही है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, June 20, 2012, 18:29

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