Last Updated: Friday, September 28, 2012, 18:41

बेंगलुरु : भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की आलोचना करते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने आज सोनिया गांधी समेत कांग्रेस नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अगर उनका सम्मान दांव पर लगा तो वह पार्टी छोड़ने से नहीं हिचकिचाएंगे।
येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, ‘अटल बिहारी वाजपेयी जब पार्टी अध्यक्ष थे तो सब कुछ सही था। अब स्थिति ठीक नहीं है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में समस्याएं हैं।’ सूरजकुंड में हो रही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का येदियुरप्पा ने बहिष्कार किया। पार्टी से विगत चार दशकों से अधिक समय तक जुड़े रहने के दौरान पहली बार उन्होंने इसका बहिष्कार किया। येदियुरप्पा ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को हर जगह अनुभव होने के मद्देनजर हालात में सुधार पर ध्यान देना चाहिए।
येदियुरप्पा ने केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ आलोचनात्मक बयान तथा एक कदम और आगे बढ़कर कांग्रेस की तारीफ ऐसे समय में की है जब भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। येदियुरप्पा ने सही बर्ताव नहीं करने के लिए पार्टी के कुछ नेताओं पर भी निशाना साधा लेकिन उनका नाम नहीं लिया। उन्होंने अपनी पार्टी के अध्यक्ष पर अपने प्रतिद्वंद्वी और भाजपा महासचिव अनंत कुमार से प्रभावित होने का आरोप भी लगाया।
गडकरी के संबंध में येदियुरप्पा ने साफ कहा, ‘दुर्भाग्य से आप भी निहित स्वार्थ वाले नेताओं की सुन रहे हैं और मुझे बलि का बकरा बनाया।’ पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नहीं बनाए जाने से नाराज येदियुरप्पा ने कहा, ‘आपने इतने सारे वादे मुझसे किए। लेकिन बिना किसी कारण के आपने अपने वादे नहीं निभाए।’ लिंगायत नेता ने एक बार फिर कहा कि वह अपनी भावी राजनीतिक योजना की घोषणा जल्द करेंगे और हाल के महीनों में दूसरी बार कांग्रेस नेतृत्व की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, ‘हमें निश्चित तौर पर जवाहर लाल नेहरू के समय से लेकर सोनिया गांधी तक के कार्यकाल तक कांग्रेस नेतृत्व की तारीफ करनी चाहिए। उन्होंने झूठे आरोपों को लेकर कभी अपने नेताओं की उपेक्षा नहीं की। वे अपने वादों से कभी पीछे नहीं हटे।’ येदियुरप्पा ने अनंत कुमार के खिलाफ अपना आक्षेप जारी रखा और व्यंग्यात्मक तौर पर गडकरी से दक्षिण बेंगलुरु के सांसद को पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख बनाने का सुझाव दिया और मुख्यमंत्री बनने की उनकी लंबे समय से अधूरी रही इच्छा को साकार करने में मदद करने को कहा।
येदियुरप्पा ने जनता की नब्ज और नेतृत्व के प्रति उनके समर्थन को जानने के लिए 5 अक्तूबर से बीदर समेत उत्तर कर्नाटक के जिलों का दौरा करने के अपने कार्यक्रम के दूसरे चरण की घोषणा की। यह पूछे जाने पर कि वह भाजपा छोड़ने पर कब फैसला करेंगे, येदियुरप्पा ने कहा, ‘वह घड़ी तेजी से आ रही है। अगर मेरी निजी प्रतिष्ठा को दांव पर लगाया गया तो मैं भाजपा छोड़ने से नहीं हिचकिचाउंगा।’ उन्होंने कहा कि बैठक में हिस्सा नहीं लेने के कारणों को रेखांकित करते हुए उन्होंने गडकरी को विस्तृत पत्र लिखा है।
येदियुरप्पा ने उन खबरों को खारिज कर दिया कि वह पिछले दरवाजे से पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख का पद पाने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा अपनाए गए कठोर रुख की वजह से प्रदेश अध्यक्ष का पद पाने की उनकी इच्छा फलीभूत नहीं हो सकी है। उन्होंने अपने वफादारों से उनके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद मांगने की खातिर आयोजित दिल्ली यात्रा रद्द करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम अपमानजनक है।
69 वर्षीय नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि ‘अगर गडकरी ने मुझे पद की पेशकश की, तो भी मैं उसे स्वीकार नहीं करूंगा। मैंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वे मुझे पत्र भेजें कि मेरी भावी कार्रवाई क्या होनी चाहिए और वे मुझसे क्या चाहते हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, September 28, 2012, 17:31