Last Updated: Monday, June 24, 2013, 20:38

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को आदेश दिया है कि वह 26 जुलाई को उसके सामने पेश हों। बिहार के लोगों के खिलाफ कथित नफरत भरे भाषण देने के आरोप में अदालत ने उन्हें तलब किया है।
राज ने व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होने से छूट की मांग की थी पर अदालत ने उनकी यह अर्जी खारिज कर दी। राज ने दलील दी थी कि वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली होने की वजह से वह अदालत में पेश होने में असमर्थ हैं। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि यह छूट दिए जाने के लिए कोई आधार नहीं है। इस शख्स को पहले ही सुरक्षा मुहैया कराई गई है और इसलिए उनसे अदालत में हाजिर होने की उम्मीद की जाती है।
ऐसे भी 3 जनवरी 2009 को उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया था। छूट मांगने वाली अर्जी खारिज की जाती है। मनसे प्रवक्ता शिरीष पारकर को भी अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया। पारकर भी इस मामले में आरोपी हैं।
अदालत ने बिहार स्टेट बार काउंसिल के सदस्य और पेशे से वकील प्रेमचंद्र जायसवाल की शिकायत पर यह आदेश दिया है। जायसवाल का आरोप है कि राज ने बिहार के लोगों के खिलाफ नफरत भरा भाषण दिया, उनके धार्मिक पर्व ‘छठ’ को नीचा दिखाया और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता भी बिहार के लोगों को धमका रहे हैं। 2008 में यह मामला पहले पटना में दर्ज किया गया था पर 2010 में इसे दिल्ली भेज दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 24, 2013, 20:38