Last Updated: Tuesday, June 18, 2013, 18:57

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कुंडा के पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक हत्याकांड के सिलसिले में राज्य के पूर्व काबीना मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का पालीग्राफी परीक्षण कराने सम्बन्धी सीबीआई की अर्जी पर विशेष अदालत ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित कर लिया और आदेश के लिये 19 जून की तारीख मुकर्रर की।
राजा भैया ने विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट मिर्जा जीनत की अदालत के समक्ष अपने वकील के साथ पेश होकर कहा कि वह ना तो पुलिस उपाधीक्षक हत्याकांड मामले में अभियुक्त हैं और ना ही संदिग्ध। इसके बावजूद अगर सीबीआई को लगता है कि साफ-सुथरी तफ्तीश के लिये उनका पालीग्राफी परीक्षण कराया जाना जरूरी है तो वह इसके लिये सहमत हैं।
उधर, सीबीआई का कहना था कि राजा भैया अभी इस मामले में सीबीआई की नजर में संदिग्ध हैं लिहाजा उनका पालीग्राफी परीक्षण कराने की इजाजत दी जानी चाहिये। सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई की तरफ से अर्जी पेशकर राजा भैया का पालीग्राफी परीक्षण कराने की इजाजत दिये जाने का आग्रह अदालत से किया गया था।
इसके पूर्व, राजा भैया ने गत दो मार्च को हुए पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक हत्याकांड मामले में यहां सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी से पहले संवाददाताओं से कहा ‘मैंने कभी अपना बयान नहीं बदला और मुझे किसी बात की कोई फिक्र नहीं है। अगर सीबीआई को लगता है कि मेरा पालीग्राफी परीक्षण जरूरी है तो मैं इसके लिये तैयार हूं। मैं खुद चाहता हूं कि सच सामने आये।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 18, 2013, 18:57