Last Updated: Saturday, October 1, 2011, 16:14
लखनऊ : लगभग चार साल के अंतराल के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए कार सेवकपुरम स्थित रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण कार्यशाला में पत्थर तराशने का काम शनिवार को फिर से शुरू हो गया.
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने एक बयान में कहा कि मंदिर निर्माण कार्यशाला में वैदिक रीति से हवन पूजन के बाद श्रीराम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास तथा विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेश चंद्र ने शिलाओं का पूजन करके कारीगरों के हाथ सौंपा और उसी के साथ शिला तराशने का काम पुन: प्रारंभ हो गया.
शर्मा ने बताया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या के रामघाट स्थित कार्यशाला में पत्थर तराशने का काम 1990 में शुरू हुआ था. वर्ष 2007 में उसे कतिपय कारणों से रोक दिया गया था, जो आज से पुन: शुरू हो गया. इस मौके पर रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने कहा कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण में रूकावट पैदा की जा रही है.
उन्होंने महंत गोपालदास के हवाले से कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला आ चुका है और उच्चतम न्यायालय में न्यायिक प्रक्रियाएं चल रही है. मगर सरकार की अदूरदर्शिता के कारण मंदिर निर्माण में विलंब हो रहा है. विहिप प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि न्यास के अध्यक्ष महंत गोपालदास ने राम मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त करने के लिए सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर संसद में राम मंदिर निर्माण के लिए भी प्रस्ताव पारित कराये जाने की मांग पर बल दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और शेष काम फिर से शुरू कर दिया गया है.
(एजेंसी)
First Published: Saturday, October 1, 2011, 21:59