Last Updated: Wednesday, July 31, 2013, 15:51
हैदराबाद : रायलसीमा के कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को मांग की कि आंध्रप्रदेश के विभाजन के बाद उनके इलाके के पिछड़ेपन को ध्यान में रखकर उनके क्षेत्र में राजधानी स्थापित की जानी चाहिए।
आंध्र प्रदेश के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने रायलसीमा क्षेत्र के मंत्रियों एवं विधायकों की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि कुरनुल (रायलसीमा में) आंध्र प्रांत की राजधानी थी लेकिन हमने आंध्र प्रदेश में हैदराबाद के लिए इसे कुर्बान कर दिया। राज्य का फिर विभाजन हो रहा है। हैदरबाद विकसित है। अभी, यह स्पष्ट नहीं है कि कहां राजधानी स्थापित की जाएगी। हमारा प्रस्ताव है कि हमें राजधानी मिलनी चाहिए क्योंकि हमने कुर्बान किया है। उन्होंने कहा कि रायलसीमा में सबसे ज्यादा सूखा प्रभावित राजस्व संभाग हैं।
विभाजन के पश्चात रायलसीमा के पानी के हिस्से पर चिंता प्रकट करते हुए प्रताप रेड्डी ने कहा कि यदि उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया गया तो उन्हें आंदोलन छेड़ना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक रायलसीमा के लिए पैकेज के बारे में विशेष रूप से हमें नहीं बता दिया जाता, हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। राज्य के लघु सिंचाई मंत्री टीजी वेंकेटेश ने कहा कि वे अखंड आंध्रप्रदेश के लिए अब भी कटिबद्ध हैं और राज्य को एकजुट रखने के लिए वे कानूनी और अन्य प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि विभाजन की प्रक्रिया में रायलसीमा के हितों की सुरक्षा की जानी चाहिए। एक सवाल के जवाब में प्रताप रेड्डी ने कहा कि वे लोग पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा दे चुके हैं और वह दोबारा ऐसा करने से नहीं हिचकेंगे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 31, 2013, 15:51