Last Updated: Tuesday, July 31, 2012, 14:03
हैदराबाद: आंध्र प्रदेश में सोमवार को तमिलनाडु एक्सप्रेस अग्निकांड में मारे गए 32 यात्रियों में से 18 की पहचान अब तक नहीं हो सकी है जबकि मंगलवार को फोरेंसिक दल ने आग की चपेट में आई रेलगाड़ी की एस-11 बोगी का निरीक्षण भी किया।
लापता यात्रियों के परिजन मान रहे हैं कि उनके प्रियजन इस दुर्घटना के शिकार बन गए और वे उनकी पहचान के लिए नेल्लोर स्थित दुर्घटना स्थल पहुंच रहे हैं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मारे गए 32 लोगों में से केवल 14 की पहचान हो सकी है।
नई दिल्ली-चेन्नई सुपर फास्ट एक्सप्रेस रेलगाड़ी की एक बोगी में सोमवार तड़के नेल्लोर रेलवे स्टेशन के नजदीक आग लग जाने से हुए हादसे में कम से कम 32 लोग मारे गए और 27 घायल हुए। मृतकों के शव नेल्लोर रेलवे स्टेशन से शहर के सरकारी अस्पतालों में भेज दिए गए हैं।
ज्यादातर शव बुरी तरह से जल गए हैं, इसलिए उनकी पहचान मुश्किल हो रही है। अधिकारियों ने परिजनों द्वारा शवों को अपना रिश्तेदार बताने का दावा किए जाने की स्थिति में उनके डीएनए परीक्षण किए जाने की भी तैयारी कर ली गई है।
अब तक जिन 14 शवों की पहचान हुई है, उनमें से छह आंध्र प्रदेश से, पांच चेन्नई से और तीन अमृतसर से हैं। इस बीच फोरेंसिक विशेषज्ञों के एक दल ने नेल्लोर रेलवे स्टेशन पर आग की चपेट में आई एस-11 बोगी का निरीक्षण किया। दल ने बोगी से कुछ नमूने इकट्ठे किए और उनसे प्राप्त जानकारियां जांच में मदद के लिए रेलवे अधिकारियों को बताईं।
दुर्घटना में कुछ जीवित बचे लोगों व कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने बोगी में आग की लपटें उठने से पहले विस्फोट की आवाज सुनी थी। ये रिपोर्ट्स भी हैं कि बोगी में कैरोसिन तेल के अवशेष मिले हैं। इसके बाद शॉर्ट सर्किट से आग लगने की वजह पर संदेह जताया जा रहा है और ऐसे में फोरेंसिक दल की रिपोर्ट और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
नेल्लोर में सोमवार रात दुर्घटना स्थल का दौरा कर चुके रेल मंत्री मुकुल राय ने कहा है कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त सभी दृष्टिकोणों से इस हादसे की जांच करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 31, 2012, 14:03