Last Updated: Monday, April 23, 2012, 15:08
अरेराज (पूर्वी चंपारण): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्ववर्ती राजद सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आज कहा कि अब लाठी को तेल पिलाने का नहीं बल्कि ज्ञान का जमाना है। पूर्वी चंपारण जिले में अपनी सेवा यात्रा के अंतिम अरेराज स्थित सोमेश्वर नाथ उच्च विद्यालय परिसर में एक सभा में नीतीश ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि लाठी में तेल पिलावन से कुछ नहीं मिलने वाला बल्कि यह कलम और स्याही पकड़ने का जमाना है। यह ज्ञान का युग है। लोगों को अपने बच्चों को स्कूल अवश्य भेजना चाहिए। सरकार हर प्रकार की सुविधा दे रही है। उल्लेखनीय है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आहवान पर पटना के गांधी मैदान में अप्रैल 2003 में लाठी में तेल पिलावन रैली कर शक्ति प्रदर्शन किया गया था।
नीतीश ने जाहिरा तौर पर विपक्ष की बयानबाजी की ओर संकेत करते हुए कहा कि पटना में बैठकर गप करने और झगड़ा लड़ाने से कुछ नहीं होने वाला। लोगों को अपनी समस्याओं के बारे में अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देने का उल्लेख करते हुए नीतीश ने कहा कि पहले लोगों ने सोचना बंद कर दिया था। 10.38 करोड लोगों ने बिहार में परिवर्तन लाया है। लोगों को अपनी आवाज उठाने का अवसर प्राप्त है। यही कारण है विरोध करने वाले लोग यहां मेरी सेवा यात्रा को ढकोसला यात्रा कह रहे हैं। पहले लोगों ने इस माहौल की कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने बदलाव लाया है। मिलकर संकल्प लिया है कि बिहार को बदनाम नहीं होने देंगे। इस अवसर पर नीतीश ने एक अरब तीन करोड 54 लाख रुपये की लागत की 67 योजनाओं का शिलान्यास किया।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 24, 2012, 00:39