Last Updated: Sunday, February 17, 2013, 18:55

नागपुर : प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी महत्वाकांक्षा जाहिर करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अगले आम चुनाव में बसपा को बड़ी जीत मिले। इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि वे बिकाऊ उत्पाद नहीं बनें। मायावती ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वे सुनिश्चित करें कि अगले आम चुनाव में बसपा को बड़ी सफलता मिले ताकि वह (मायावती) प्रधानमंत्री के रूप में लाल किला से स्वतंत्रता दिवस भाषण दे सकें।
उन्होंने पार्टी कैडरों को आगाह किया कि वे ऐसी ताकतों से सजग रहें जो विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उन्हें ‘भ्रष्ट करने का प्रयास कर सकती हैं।’ उन्होंने आगाह किया, ‘वे बिकाऊ उत्पाद नहीं बनें।’ मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर आरोप लगाया कि वे सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण संबंधी विधेयक के रास्ते में बाधाएं खडी करने के लिए षडयंत्र कर रही हैं। उन्होंने वायदा किया कि अगर उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में आती है तो पार्टी सुनिश्चित करेगी कि यह विधेयक लागू हो।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार उच्चतम न्यायालय में इस संबंध में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती थी। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उच्चतम न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण के सबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पदोन्नति में आरक्षण को जारी रखने से जुड़े मामले में समर्थ वकील नियुक्त कर सकती थी। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित रखने के लिए षड्यंत्र किया। उन्होंने कहा कि बसपा को सड़कों पर और अंतत: संसद में संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे दोनों दलों से समान दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि इस मामले में हमें आंशिक कामयाबी ही मिली है और संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया है लेकिन यह अभी लोकसभा में लंबित है।
उन्होंने मांग की कि वीवीआईपी हेलीकाप्टर घोटाला में शामिल लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। मायावती ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध करते हुए कि संप्रग सरकार को विकासोन्मुखी नीति अपनानी चाहिए जिससे आम लोगों को फायदा हो सके।
उन्होंने सब्सिडी वाली योजनाओं में नकदी अंतरण की भी आलोचना की और कहा कि इससे गरीबों को फायदा नहीं होगा। उन्होंने आंध्र प्रदेश को विभाजित कर अलग तेलंगाना राज्य बनाए जाने का समर्थन किया। उन्होंने विदर्भ को राज्य का दर्जा दिए जाने की भी वकालत की। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 17, 2013, 18:55