Last Updated: Tuesday, February 7, 2012, 10:49
बेंगलुरु : कर्नाटक के लोकायुक्त पद से दूरी बनाते हुए केरल हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.आर. बन्नूरमठ ने राज्यपाल हंसराज भारद्वाज पर निशाना साधा और कहा कि राजभवन से उनके खिलाफ अप्रामाणिक एवं झूठी बातें कही जा रहीं हैं जिससे वह काफी आहत हुए हैं।
भारद्वाज ने न्यायमूर्ति बन्नूरमठ को लोकायुक्त बनाने की सरकार की सिफारिश को औपचारिक तौर पर खारिज कर दिया और फाइल लौटा दी, जिसके बाद बन्नूरमठ ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा से अनुरोध किया है कि इस पद के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाए ताकि पद को तेजी से भरा जा सके। मुख्यमंत्री गौड़ा को सोमवार को लिखे अपने पत्र को पढ़ते हुए न्यायमूर्ति बन्नूरमठ ने कहा, ‘मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि मुझे आपसे तत्काल अनुरोध करना चाहिए कि मेरे नाम पर विचार नहीं करें।’
प्रदेश में 19 सितंबर से लोकायुक्त का पद खाली है। संतोष हेगड़े के सेवानिवृत्त होने के बाद इस पद पर काबिज हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शिवराज पाटिल को नियमों का उल्लंघन करते हुए जमीन आवंटित करने के आरोपों के मद्देनजर पद छोड़ना पड़ा था।
बन्नूरमठ ने भारद्वाज के ताजा बयान पर कहा, ‘इस तरह के अस्पष्ट और झूठे बयान पर मैं जवाब नहीं दे सकता।’ भारद्वाज ने अपने बयान में कहा था कि उन्होंने लोकायुक्त के तौर पर बन्नूरमठ की नियुक्ति भूमि घोटाले के अलावा अन्य कारणों से रद्द कर दी है। भारद्वाज पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘क्या उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों से ऐसे लोगों के खिलाफ सार्वजनिक आरोप लगाते समय कोई उपयुक्त आचार संहिता की उम्मीद नहीं की जा सकती, जिनके नाम पर लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर विचार हो रहा है।’
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 7, 2012, 17:57