Last Updated: Friday, January 20, 2012, 10:30
चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने एक फैसले में तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा नए विधानसभा-सचिवालय परिसर को अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में किसी भी तरह से बदलने पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति डी मुरुगेसन और न्यायमूर्ति पीएसएस जनार्दन राजा की पीठ ने एक जनहित याचिका पर यह अंतरिम फैसला सुनाया। जनहित याचिका में जयललिता सरकार के गत वर्ष 19 अगस्त के फैसले को चुनौती दी गई थी। सरकार ने द्रमुक सरकार के समय बनाए गए परिसर को अस्पताल में बदलने का फैसला किया था।
प्रदेश महाधिवक्ता ए. नवनीतकृष्णन ने अदालत को सूचित किया था कि सरकार को प्रस्तावित अस्पताल के लिए अभी पर्यावरण संबंधी मंजूरी नहीं मिली है, जिसके बाद अदालत ने यह आदेश सुनाया। हालांकि न्यायाधीशों ने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा पर्यावरण संबंधी मंजूरी हासिल करने के रास्ते में अदालत का पाबंदी का आदेश नहीं आएगा।
याचिकाकर्ता वकील आर वीरमणि ने दलील दी थी कि विधानसभा.सचिवालय परिसर में फेरबदल का फैसला गैरकानूनी है और चूंकि दुर्भावपूर्ण कारणों से लिया गया है इसलिए मनमाना है। अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तारीख मुकर्रर की। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 20, 2012, 17:01