Last Updated: Monday, June 11, 2012, 23:37

नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यिमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ गया है। सतारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) ने मोदी के बयान पर तीखी टिप्पणी की है, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने इस बयान को दबे जुबान से सही बताया है। जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी उस टिप्पणी के लिए आड़े हाथ लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जाति आधारित राजनीति ने बिहार को आर्थिक पिछड़ेपन की ओर ढकेल दिया है।
यादव ने कहा कि जातिवाद देश में अन्य स्थानों की तरह गुजरात में भी है। वहीं, बिहार के नेताओं पर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि मोदी को दूसरों पर टिप्पणी करने के बदले पहले अपना घर संभालना चाहिए।
यादव ने पूछा कि लोगों को इतिहास की कम जानकारी है इसलिए वे राजनीतिक फायदे के लिए उसके बारे में अपने तरह से ही बातें करते हैं लेकिन जाति वास्तविकता है। क्या गुजरात जातिवाद नहीं है? देश का कौन सा हिस्सा जाति के प्रभाव से अछूता है? राजग के संयोजक यादव ने कहा कि गुजरात किसी व्यक्ति के कारण आर्थिक तरक्की में आगे नहीं है बल्कि ऐसा भौगोलिक स्थिति के चलते है। गुजरात का विकास आज नहीं बल्कि इसका विकास समुद्र किनारे बसे अन्य शहरों की तरह ब्रिटिश शासनकाल में ही हुआ था। मोदी ने राजकोट राजकोट में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के नेताओं पर उनके ‘जातिवादी’ दृष्टिकोण के लिए हमला किया था और इसे बिहार के पिछड़ेपन और विकास की कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
वहीं, मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने उन्हें अन्य पर टिप्पणी करने की बजाय अपनी स्थिति पर गौर करने की सलाह दी थी। उन्होंने पटना में संवाददाताओं से कहा कि बिहार पर टिप्पणी करने वालों को अपने हालात के बारे में सोचना चाहिए। नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों से कहा कि वह किसी पर टिप्पणी नहीं करते और कोई बिहार पर भी टिप्पणी न करे तो अच्छा होगा। मोदी की टिप्पणी से नाराज नीतीश ने कहा कि ऐसे लोगों को पहले अपना घर सम्भालना चाहिए और अपने दामन में झांकना चाहिए। नीतीश ने कहा कि बिहार अपनी कमजोरियों से लड़ते हुए आगे बढ़ रहा है, इसे किसी की सलाह की जरूरत नहीं है। उन्होंने एक मुहावरे का प्रयोग करते हुए कहा कि खुद चलनी में 72 छेद हैं और दूसरे को नसीहत दे रहे हैं।
वहीं, जद(यू) के प्रवक्ता नीरज सिंह ने कहा कि गुजरात को आधारभूत संरचना विरासत में मिली है, जबकि बिहार का अधिकांश हिस्सा बाढ़ और सूखे से प्रभावित रहा है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। बीमारू राज्य की श्रेणी में शामिल बिहार की गिनती अब विकास दर और प्रति व्यक्ति आय के मामले में गुजरात से आगे हो रही है।
सिंह ने दावा किया है कि बिहार अपने पुराने गौरव को हासिल करने में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार का विकास अब कई लोगों को रास नहीं आ रहा है। उन्होंने नसीहत भी दी कि मोदी की पार्टी बिहार सरकार में भी शामिल है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महासचिव रामकृपाल यादव ने गुजरात के मुख्यमंत्री को पहले अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मोदी खुद साम्प्रदायिकता की आग भड़काकर सत्ता पर काबिज हुए हैं और लाश पर राजनीति कर रहे हैं। ऐसे में वह दूसरों के विषय में क्या बोलेंगे।
कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष महबूब अली कैसर ने कहा कि कांग्रेस पहले से ही अन्य दलों पर जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करने की बात करती रही है। उन्होंने मोदी के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी पार्टियां जाति की राजनीति करती आ रही हैं।
उल्लेखनीय है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजकोट में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा था कि बिहार नेताओं की जातिवादी राजनीति के कारण पिछड़ा हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 11, 2012, 23:37