Last Updated: Sunday, August 18, 2013, 14:54
ज़ी मीडिया ब्यूरोश्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार ने रेप पीड़ितों के मुआवजे के लिए एक योजना को अंतिम रूप दिया है। संशोधित मुआवजा सूची के मुताबिक अब रेप पीड़ितों को 2 लाख रुपए और जिन महिलाओं का रेप पुलिस कस्टडी में होता है उन्हें 3 लाख रुपए का हर्जाना मिलेगा। इसी तरह पुलिस कस्टडी में टॉर्चर के कारण हुई मौत पर परिवार को 3 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा। दूसरी अन्य वजहों से हुई मौतों में एक लाख रुपए प्रदेश सरकार हर्जाना देगी।
संशोधित मुआवजा सूची इस प्रकार है :रेप का मामला : 2 लाख रुपए
नाबालिग से रेप : 3 लाख रुपए
पुलिस हिरासत में रेप : 3 लाख रुपए
पुलिस हिरासत में मौत : 2 लाख रुपए
पुलिस हिरासत में टॉर्चर से मौत : 3 लाख रुपए
शरीर को 40 से 80 पर्सेंट नुकसान : 2 लाख रुपए
ऐसिड पीड़ित (टोटल डैमेज) : 3 लाख रुपए
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद इस संशोधित मुआवजा सूची को अंतिम रूप दिया गया है। इस योजना से उमर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। उमर की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस को तो इस मुआवजे की व्याख्या करने में पसीने छूट ही रहे हैं, सरकार में शामिल कांग्रेस भी इस योजना के बारे में कुछ कहने से बच रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज ने इस मसले पर कहा कि मैं इस सरकार में शामिल नहीं हूं, लेकिन मुझे लगता है कि कैबिनेट ने रेप और मुआवजे के मायने को ठीक से नहीं रखा। क्योंकि, रेप किसी भी सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
दूसरी तरफ कांग्रेस कोटे से सरकार में शामिल चिकित्सी शिक्षा मंत्री ताज मोहिद्दीन ने कहा, `हम इस जघन्य अपराध में थोड़ी राहत पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। रेप और मौत की क्षतिपूर्ति किसी हर्जाने से नहीं कर सकते। हमने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का ख्याल रखा है।` प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी पीडीपी के प्रवक्ता नईम अख्तर ने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा, `प्रदेश सरकार अत्याचार का वस्तुकरण कर रही है। यह कश्मीरी अवाम के गौरव के खिलाफ है।`
First Published: Sunday, August 18, 2013, 13:38