Last Updated: Wednesday, March 13, 2013, 16:07

इंफाल : मणिपुर से विवादित आफस्पा हटाने की मांग पर पिछले 12 साल से ज्यादा समय से अनशन कर रहीं सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू की रिहाई का आदेश एक स्थानीय अदालत ने दिया है।
खुदकुशी का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार की गईं इरोम शर्मिला को मंगलवार को प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी (इंफाल पूर्व) ने रिहा करने का आदेश सुनाया। अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने उन्हें जे एन आई चिकित्सा विज्ञान एवं अस्पताल से रिहा कर दिया जहां उन्हें रखा गया था और नाक के माध्यम से भोजन दिया जा रहा था।
पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि कल दोपहर रिहाई के बाद शर्मिला अस्पताल के करीब शर्मिला कान्बा लुप (शर्मिला बचाओ कार्यालय) गईं और अपना अनशन जारी रखा। मीडियाकर्मियों से यहां आज बात करते हुए शर्मिला ने नई दिल्ली के पटियाला अदालत में हालिया सुनवाई में खुदकुशी के आरोप पर अपनी नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि मैं केवल आफस्पा को वापस लेने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही हूं और गांधी के सिद्धांत का पालन कर रही हूं। मेरी लड़ाई आफस्पा के तहत काम कर रहे सेना के जवानों द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ है।
शर्मिला ने कहा कि उग्रवाद को काबू में करने के नाम पर प्रदेश में आफस्पा लागू किया गया लेकिन काबू में करने के बजाए सेना के जवान आम आदमी को परेशान कर रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य के लोगों को दबाने के लिए ही केवल इस कानून को लागू किया है। शर्मिला ने कहा कि कानून के वापस लिए जाने तक वह भूख हड़ताल जारी रखेंगी। अपने ‘आंदोलन’ के लिए लोगों से समर्थन की अपील करते हुए शर्मिला ने कहा कि अगर वह अपने संघर्ष के दौरान मर जाती हैं तो उनकी इचछा दोबारा मणिपुर में पैदा होने की नहीं है। शर्मिला के भाई और प्रवक्ता इरोम सिंहाजीत ने कहा कि पुलिस उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लेगी जैसा वह पिछले 12 साल से कर रही हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 13, 2013, 16:07